पामगढ़ जनपद पंचायत सीईओ का तानाशाही, जाँच करने के बजाए जाँच टीम से नाम कटवाने में लगे हुवे हैं
पामगढ़ जनपद के अधिकारी कर्मचारी का मिली भगत, 2 सालों में लगभग 23 करोड़ों राशि का हुआ है भ्रष्टाचार, जनपद अध्यक्ष के आमरण अनशन दूसरे दिन जारी

पामगढ़ :- जनपद पंचायत पामगढ़ के अध्यक्ष राजकुमार पटेल 1 मई से आमरण अनशन पर बैठा है जनपद अध्यक्ष ने पामगढ़ क्षेत्र के 60 ग्राम पंचायतों में 15 वे वित्त से आने वाले राशि में सरपंच द्वारा लगभग 23 करोड़ से ज्यादा का राशि का गड़बड़ी करने का आरोप लगाते हुए कलेक्टर और जिला पंचायत सीईओ को जांच की मांग की थी जांच नहीं होने पर बैठा आमरण अनशन पर आपको बता दें कि पामगढ़ जनपद अध्यक्ष राजकुमार पटेल आमरण अनशन पर बैठा है उसका शिकायत है कि 2020-21 से 2022 – 23 तक की 15 वे वित्त की राशि ग्राम पंचायत के सरपंच द्वारा बिना जीपीडिपी में शामिल कार्यो का बिना प्रस्ताव, बिना एस्टीमेट के बिना मूल्यांकन सत्यापन के राशि आहरण किया गया है जिसकी शिकायत 1 महीने पहले कलेक्टर और जिला पंचायत सीईओ को किया गया है जिसके बाद जिला पंचायत सीईओ ने जांच टीम गठित किया था लेकिन अभी तक जांच शुरू नहीं हुआ है
सरपंचों के खिलाफ जांच करने पर क्यों डर रहे हैं अधिकारी
पामगढ़ जनपद पंचायत अध्यक्ष राजकुमार पटेल ने पहले से ही सभी ग्राम पंचायतों से 15 वे वित्त की जानकारी मांगी थी ग्राम पंचायतों से जानकारी मांगने के बाद ही शिकायत किया है जनपद अध्यक्ष के पास है सभी ग्राम पंचायतों का कुंडली यदि सभी ग्राम पंचायतों में सही से जांच हुआ तो समस्त ग्राम पंचायतों में लग सकता है धारा 40 जनपद पंचायत अध्यक्ष के पास पहले से ही सभी ग्राम पंचायतों का पंचायतों का कुंडली निकालकर अपने पास रख लिया है इसीलिए अधिकारी भी जांच करने से पीछे हट रहे हैं क्योंकि सभी ग्राम पंचायतों की जानकारी जनपद अध्यक्ष के पास है यदि इसमे नियमानुसार जाँच किया जाता है तो समस्त ग्राम पंचायतों के खिलाफ बड़ी कार्यवाही हो सकती है। नियमो को ताक पर रख कर राशि आहरण करने वाले सरपंचों से राशि वशूली की जा सकती हैं। अधिकारियों को भी लगने लगा है इसमें बड़ी भ्रष्टाचार होने की संभावना हैं ऐसे में जांच अधिकारी ही जांच टीम गाठित होने के बाद अपने को इस जाँच से अलग रखने का निवेदन कर रहे हैं जिससे ऐसा प्रतीत हो रहा हैं कि वास्तव में बड़ी भ्रष्टाचार एवं अनियमित्ता का अंजाम मिल कर दिया गया हैं। जनपद पंचायत के मुख्यकार्यपालन अधिकारी को इस जांच टीम को मुखिया बना कर जिला पंचायत सीईओ को लगा होगा कि जनपद पंचायत के अध्यक्ष की शिकायत में निष्पक्ष जाँच हो सके लेकिन जाँच अधिकारी अपने आपको इस जॉच टीम से अलग करना समझ से परे है यह चर्चा का विषय है।
पामगढ़ जनपद सीईओ प्रज्ञा यादव ने क्यों मना किया जांच करने के लिए
जिला पंचायत सीईओ द्वारा जांच टीम गठित किया गया था लेकिन पामगढ़ के जनपद सीईओ प्रज्ञा यादव ने जांच करने के लिए मना कर दिया इसकी जानकारी जनपद सीईओ ने अपने उच्च अधिकारी को दे दी है क्या इसीप्रकार से जाँच अधिकारी अन्य दो सदस्य भी जाँच टीम से नाम काटने के लिए निवेदन करेंगे तो क्या इसका वास्तविक जांच हों पायेगा की नही हो पायेगा जनपद पंचायत अध्यक्ष के शिकायत पर जाँच नही हो रहा है तो आम नागरिकों के शिकायतों का क्या जाँच कर पाएंगे यह देखने वाला विषय होगा। कांग्रेस सरकार में प्रशासनिक आंतकवाद चरम सीमा पर है प्रशासनिक अधिकारी जांच करने से कतरा रहे हैं नियमों को ताक पर रखकर राशि का बंदरबांट अधिकारियों से मिलकर करने में लगे हुए हैं।
शिकायत होने के बाद सरपंचों ने खोला जनपद अध्यक्ष के खिलाफ मोर्चा
सरपंच संघ के अध्यक्ष ने जनपद पंचायत पामगढ़ के सभी सरपंचों के साथ कलेक्टोरेट पहुंचकर जनपद पंचायत अध्यक्ष राजकुमार पटेल के विरूद्ध शिकायत की है। जिसमें उन्होंने बताया है कि प्रत्येक ग्राम पंचायत के सरपंचों से वर्ष 2020 से 2023 तक 15 वे वित्त की राशि से कमीशन के रूप में तीन प्रतिशत की मांग कुछ महीने से की जा रही है। संबंधित ग्राम पंचायतों के निर्माण कार्यों के भुगतान संबंधी पाइल को रुकवाकर सरपंचों को परेशान किया जा रहा है। इस अवधि में लगभग 23 करोड़ रुपये जनपद पंचायत पामगढ़ के समस्त ग्राम पंचायतों में भेजा गया है और इसमें से 3 प्रतिशत कमीशन की राशि नहीं देने पर आंदोलन की धमकी दी जाती है।