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पामगढ़ के निजी अस्पताल में गलत इलाज के कारण बच्ची की मौत

ऐसे लापरवाह हॉस्पिटल पर कार्यवाही करना जरूरी हैं

देवेन्द्र यादव पामगढ़  :- मुख्यालय में संचालित न्यू लाइफ केयर हॉस्पिटल एवं केयर यूनिट अस्पताल में गलत इलाज के कारण बिलासपुर रिफर एक बच्ची की मौत का मामला सामने आ रहा है मिली जानकारी के अनुसार परिजनों का आरोप है कि ग्राम बिलारी अंजलि साहू पिता कपिल साहू उम्र 16 वर्ष को सिकलसेल की समस्या होने पर उनके परिजनों के द्वारा पामगढ़ के निजी अस्पताल न्यू लाइफ केयर हॉस्पिटल पामगढ़ में 18 अप्रैल को भर्ती कराया गया जहां गलत इलाज और ब्लड गलत तरीके से चढ़ाने के कारण बच्चे की तबीयत अचानक खराब होना शुरू हो गयी आनन-फानन में अस्पताल प्रबंधन अपनी गलती को छुपाते हुए बच्ची को बिलासपुर के लिए रिफर कर दिया गया। मरीज के द्वारा परिजनों सिम्स बिलासपुर में बच्ची को भर्ती कराया गया। जहां जांच के दौरान बच्ची को चिकित्सको ने बच्ची को ब्लड कैंसर होना बताया।

 और इलाज शुरू किया बच्ची की गंभीर स्थिति में होने के कारण इलाज के दौरान बच्ची को मृत घोषित कर दिया गया। परिजनों का आरोप है कि बच्ची को गलत तरीके से ब्लड चढ़ाने के कारण उसकी हालत खराब हुई, बच्ची का बिना ब्लड सैंपल लिए एवं क्रास चेक मिलाए । बिलासा ब्लड बैंक बिलासपुर से ब्लड लाने बच्ची के मामा भेज दिया गया जहां से ब्लड आने के बाद बच्चे को सीधे ब्लड चढ़ाया गया ब्लड चढ़ाने में की गई लापरवाही के कारण बच्ची की हालत गंभीर होते गयी।और बिलासपुर रिफर कर दिया गया। जहां ईलाज के दौरान बच्ची की मौत हो गयी।अब यहां गंभीर बात यह है की इस अस्पताल को संचालित करने की अनुमति नहीं मिली है उसके बावजूद गंभीर मरिजों का इलाज किया जा रहा है। अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सक और प्रशिक्षित स्टाफ नहीं है। और बड़े बड़े बैनर लगाकर ईलाज का दावा कर मरिजों के जान से खिलवाड़ किया जा रहा है।

अस्पताल को अभी तक नहीं मिला है नर्सिंग होम एक्ट का लाइसेंस उसके बावजूद भी नियमों को ताक में रखकर अस्पताल का संचालन किया जा रहा है। विशेषज्ञ डॉक्टर एवं प्रशिक्षित स्टाफ के देखरेख में ही गंभीर मरीजों का इलाज किया जाना है लेकिन इस प्रकार से संचालित अस्पताल मोटी रकम वसूलने के चक्कर में मरीजों के जान से खिलवाड़ कर रहे हैं।

  • पूर्व में अवैध क्लिनिक और झोलाछाप पर कार्रवाई के दौरान टीम द्वारा नियमानुसार अस्पताल संचालित करने हिदायत दी गयी थी । बावजूद अस्पताल प्रबंधन द्वारा नियमों को ताक में रखकर अस्पताल संचालित किया जा रहा है।

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