जांजगीर-चांपा

अभिभावक बच्चों से पूछे ‘‘आज क्या सीखा?‘‘ और घर में बनाएं पढ़ाई का कोना – कलेक्टर

कलेक्टर श्री आकाश छिकारा ने जिला प्रशासन और यूनिसेफ के संयुक्त अभियान ‘‘आज क्या सीखा?‘‘ और पढ़ाई का कोना का किया कार्यक्रम का शुभारंभ

जीवन में आगे बढ़ने के लिए लक्ष्य बनाना जरूरी

जांजगीर-चांपा :- कलेक्टर श्री आकाश छिकारा ने स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालय जांजगीर में अभिनव पहल “आज क्या सीखा“ कार्यक्रम कों संबोधित करते हुए विद्यार्थियों एवं अभिभावकों से कहा कि हमें प्रतिदिन ‘‘आज क्या सीखा?‘‘ की चर्चा बच्चों से करनी है और घर में एक कोना पढ़ाई के लिए सुव्यवस्थित तरीके से बनाकर रखना है। जिसमें बच्चे अच्छे वातावरण में पढ़ाई कर सके। उक्त कार्यक्रम जिला प्रशासन एवं यूनिसेफ के संयुक्त तत्वाधान में आरंभ किया गया है।

कलेक्टर ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि परीक्षा की तैयारी करते समय में मानसिक रूप से तैयार रहना जरूरी है। बार-बार विषय की तैयारी करने से हमारा डर दूर हो जाता है। उन्होंने कहा कि हम जो भी कार्य करें चाहे वह पढ़ाई हो, खेल हो उसका लक्ष्य बनाकर शतप्रतिशत देने से वह प्राप्त जरूर होता है। उन्होंने अभिभवकों से चर्चा करते हुए कहा कि बच्चों को आगे बढ़ाने के लिए स्कूल के साथ ही घर में भी पढ़ाई का माहौल तैयार करना जरूरी है। इसके लिए जरूरी है कि बच्चों से प्रतिदिन स्कूल में ‘‘आज क्या सीखा ?‘‘ को लेकर चर्चा की जाए। इससे बच्चों में पढ़ाई को लेकर उत्साह बना रहेगा और वह बेहतर पढ़ाई करते हुए आगे बढ़ सकेंगे। उन्होंने कहा कि जहां एक ओर ‘‘आज क्या सीखा ?‘‘ तो वहीं दूसरी ओर घर में पढ़ाई के लिए एक कोना भी बच्चों के लिए तैयार करें। उन्होंने इस दौरान परीक्षा पर चर्चा को लेकर भी विद्यार्थियों से चर्चा की। इस दौरान यूनिसेफ जिला समन्वयक सुश्री दिव्या राजपूत, प्राचार्या सहित शिक्षक एवं विद्यार्थी मौजूद रहें।

‘आज क्या सीखा ?‘‘ से बच्चों के साथ माता-पिता की पढ़ाई में बढ़ेगी भागीदारी –

‘‘आज क्या सीखा ?‘‘ कार्यक्रम के माध्यम से बच्चों की शिक्षा में माता-पिता की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए एक अभिनव कार्यक्रम छत्तीसगढ़ के जांजगीर चांपा जिले में शुरू किया गया है। कार्यक्रम के तहत माता-पिता को बच्चों से प्रतिदिन यह पूछने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा कि उन्होंने क्या सीखा (आज क्या सीखा), और उस दिन, माता-पिता अपने घर पर एक लर्निंग कॉर्नर (सीखने का कोना) स्थापित करेंगे। यूनिसेफ द्वारा समर्थित, नए कार्यक्रम को युवोदय के हजारों युवा स्वयं सेवकों द्वारा मजबूत किया जाएगा।

स्कूली बच्चों का बढ़ाया उत्साह –

आत्मानंद स्कूल में कलेक्टर ने स्कूली बच्चों से मुलाकात की और उनसे चर्चा भी की। बच्चों ने बताया कि वे बढ़े होकर क्या बनना चाहते है। इस दौरान क्लास 1 में बच्चों से उन्होंने डिजीटल बोर्ड पर जोड़ घटाना गुणा भाग के प्रश्न पूंछे तो बच्चों ने बड़े ही उत्साह के साथ हाथ उठाकर प्रश्नों के जवाब दिये। बच्चों के बेवाकी से दिये गये उत्तर से खुश होकर कलेक्टर ने चॉकलेट भी वितरित की।

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