जांजगीर-चांपा

जिला प्रशासन द्वारा रोका गया बाल विवाह

जांजगीर-चांपा :- महिला एवं बाल विकास विभाग और पुलिस विभाग के संयुक्त प्रयास से दो बाल विवाह से रोका गया। बाल विवाह संबंधी सूचना प्राप्त होते ही कलेक्टर श्री आकाश छिकारा के निर्देशानुसार जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास श्रीमती अनिता अग्रवाल एवं जिला बाल संरक्षण अधिकारी श्री गजेन्द्र सिंह जायसवाल के नेतृत्व में टीम तैयार कर एवं पुलिस विभाग के सहयोग से दो बाल विवाह से रोका गया।

जिला बाल संरक्षण अधिकारी जिला बाल संरक्षण ईकाई महिला एवं बाल विकास ने बताया कि 30 मार्च 2024 को ग्राम मेंहदा थाना पामगढ़ में बालक के घर जाकर उसके अंकसूची की जांच की जहां बालक की उम्र 20 वर्ष 11 माह होना पाया गया तथा 01 अप्रैल 2024 को ग्राम पंतोरा में बालिका के घर जाकर उसके अंकसूची की जांच की जहां बालिका की उम्र 16 वर्ष 08 माह होना पाया गया। संबंधित विभाग के अधिकारी कर्मचारी द्वारा बालिका एवं उसके माता-पिता एवं स्थानीय लोगों को बाल विवाह के दुष्परिणामों से अवगत कराया एवं समझाईस के पश्चात स्थानीय लोगों की उपस्थिति में बालिका के माता-पिता की सहमति से बालिका का विवाह रोका गया है। दल में जिला बाल संरक्षण इकाई से श्री शिवनंदन सिंह मरकाम, श्री अमित कुमार भोई आउटरीच वर्कर, श्री निर्भय सिंह समन्वयक, श्री जोहित कुमार कश्ययप टीम मेम्बर चाइल्ड लाइन जांजगीर शामिल थे।

ज्ञात हो कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत विवाह के लिए लड़की की उम्र 18 वर्ष तथा लड़के की उम्र 21 वर्ष निर्धारित है। निर्धारित उम्र से कम होने की स्थिति में बाल विवाह करने पर पुलिस विभाग द्वारा अपराध पंजीबद्ध करते हुए विवाह करने वाले माता-पिता, विवाह में सम्मिलित होने वाले रिश्तेदार, विवाह कराने वाले पंडित के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी। अधिनियम के तहत 02 वर्ष के कठोर सश्रम कारावास तथा 01 लाख के जुर्माने अथवा दोनों से दंडित किया जाने का प्रावधान है।

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