दिल्ली

18वीं लोकसभा का पहला सत्र आज सुबह 11 बजे से, स्पीकर का चुनाव, सरकार बहुमत साबित करेगी, PM-राष्ट्रपति का भाषण, विपक्ष का मार्च, सबकुछ जो आप जानना चाहते हैं

नई दिल्ली :- केंद्र में NDA की नई सरकार बनने के बाद 18वीं लोकसभा का पहला सत्र आज सोमवार (24 जून) से शुरू होने जा रहा है। लोकसभा का पहला सत्र 24 जून से शुरू होगा। यह 3 जुलाई तक चलेगा। 10 दिन तक चलने वाले संसद सत्र में कुल 8 बैठकें (29-30 जून को छुट्‌टी) होंगी। 18वीं लोकसभा के पहले सत्र की शुरुआत नवनिर्वाचित सांसदों के शपथ ग्रहण के साथ होगी। सबसे पहले पीएम नरेंद्र मोदी शपथ ग्रहण करेंगे। लोकसभा के प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब सभी सांसदों को शपथ दिलवाएंगे।

सबसे पहले सुबह सुबह 10 बजे भाजपा सांसद भर्तृहरि महताब को राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Droupadi Murmu ) प्रोटेम स्पीकर पद की शपथ दिलाएंगी। सुबह 11 बजे लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने पर प्रोटेम स्पीकर अन्‍य सदस्यों को शपथ दिलाने का काम शुरू करेंगे। इसके साथ ही सत्र के दौरान 26 जून को लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव होगा और 27 जून को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सांसद के तौर पर सबसे पहले शपथ लेंगे। पीएम मोदी के शपथ लेने के बाद प्रोटेम स्पीकर की मदद के लिए बनाए गए पैनल के सदस्य सांसद के तौर पर शपथ लेंगे। इस पैनल के सदस्य प्रोटेम स्पीकर की अनुपस्थिति में सदस्यों को शपथ दिलाएंगे. अभी पैनल में 5 सदस्यों को रखा गया है। पैनल में कांग्रेस से के सुरेश, बीजेपी के राधा मोहन सिंह और फग्गन सिंह कुलस्ते, डीएमके के टीआर बालू और टीएमसी के सुदीप बंदोपाध्याय शामिल हैं।

मंत्रियों में राजनाथ सिंह लेंगे सबसे पहले शपथ 

पैनल के सदस्यों की शपथ के बाद कैबिनेट मंत्रियों का शपथ ग्रहण शुरू होगा. इसमें सबसे पहले राजनाथ सिंह शपथ लेंगे। उसके बाद क्रमवार अमित शाह, नितिन गडकरी, शिवराज सिंह चौहान और मनोहर लाल खट्टर और अन्य कैबिनेट मंत्री शपथ लेंगे. कैबिनेट मंत्रियों के बाद राज्य मंत्री ( स्वतंत्र प्रभार ) और फिर राज्य मंत्री शपथ लेंगे। मंत्रियों के शपथ के बाद वर्णमाला क्रम से राज्यों के सांसद शपथ लेना शुरू करेंगे। सबसे पहले अंडमान निकोबार के सांसद विष्णु पद रे उसके बाद आंध्र प्रदेश, फिर अरुणाचल प्रदेश, असम, बिहार और इसी तरह वर्णमाला क्रम में अन्‍य राज्यों के सांसदों को शपथ दिलाई जाएगी।

26 जून को लोकसभा स्पीकर का होगा चुनाव

शुरुआत के दो दिन, यानी 24 और 25 जून को प्रोटेम स्पीकर नए सांसदों को शपथ दिलाएंगे। इसके बाद 26 जून को लोकसभा स्पीकर का चुनाव होगा। 27 जून को राज्यसभा का 264वां सत्र शुरू होगा। इसी दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू लोकसभा-राज्यसभा के जॉइंट सेशन को संबाधित करेंगी। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी बोलेंगे। यह पहला सत्र है, लिहाजा मोदी सरकार विश्वास मत भी हासिल करेगी।

18वीं लोकसभा के पहले सत्र में हंगामे के पूरे आसार नजर आ रहे हैं। पिछले हफ्ते NEET परीक्षा में हुई गड़बड़ी, तीन क्रिमिनल लॉ, लोकसभा चुनाव के बाद शेयर बाजार में हुई गड़बड़ी के आरोपों पर विपक्ष इस बार हंगामा कर सकता है। इस बार लोकसभा में सरकार और विपक्ष के बीच जमकर तकरार होने वाली है। इस बार विपक्ष मजबूत है। टकराव प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति से ही शुरू हो गया। कांग्रेस के के. सुरेश आठ बार सांसद चुने गए हैं जबकि भर्तृहरि महताब केवल सात बार सांसद चुने गए हैं। इसके बावजूद राष्ट्रपति ने महताब को निर्वाचित किया। तर्क दिया गया है कि महताब लगातार सात बार सांसद चुने गए हैं जबकि के. सुरेश लगातार आठ बार सांसद नहीं चुने गए हैं।

संविधान की प्रतियां लेकर संसद तक जाएंगे विपक्षी सांसद 

18वीं लोकसभा के पहले सत्र के पहले दिन विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के लोकसभा सदस्य आज सुबह संसद परिसर में एकत्र होंगे और एक साथ सदन की ओर मार्च करेंगे।विपक्षी गठबंधन से जुड़े एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि सांसद पुराने संसद भवन के गेट नंबर 2 के पास एकत्र होंगे, जहां कभी गांधी प्रतिमा हुआ करती थी। संसद परिसर में सांसदों के लिए लोकप्रिय विरोध स्थल रही गांधी प्रतिमा को हाल ही में परिसर में मौजूद 14 अन्य प्रतिमाओं के साथ स्थानांतरित कर दिया गया। इन सभी को एक ही स्थान ‘प्रेरणा स्थल’ पर स्थापित किया गया है। नेता ने कहा कि कुछ सांसद भारत के संविधान की प्रतियां लेकर चलेंगे और वे सभी संसद भवन तक पैदल जाएंगे।

कांग्रेस को मिलेगी नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी

10 साल बाद कांग्रेस पार्टी को नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी मिलेगी। 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को कुल लोकसभा की 10% सीटें नहीं मिली थी और इस कारण उसे नेता प्रतिपक्ष का दर्जा नहीं मिला था। 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के महज 44 सांसद जीत कर आए थे और मल्लिकार्जुन खड़गे को संसदीय दल का नेता बनाया गया था। लेकिन उन्हें नेता प्रतिपक्ष का दर्जा नहीं मिला था।

 

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