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शासकीय नवीन महाविद्यालय मे मनाया गया हर घर तिरंगा घर घर तिरंगा कार्यक्रम 

बिर्रा :- बम्हनीडीह विकासखंड मेँ स्थित शासकीय नवीन महाविद्यालय बिर्रा मे आज हर घर तिरंगा घर घर तिरंगा कार्यक्रम मनाया गया। जिसमें संस्था के प्राचार्य डॉक्टर मुकेश कुमार ने महाविद्यालय के छात्रों को तिरंगे के महत्व एवं देशभक्ति के बारे मेँ पहले जानकारीयां दी, उन्होंने कहा कि किस प्रकार हमारा देश पहले सोने की चिड़िया कहलाता था. लोग बढ़िया आपस मेँ सौहार्द से रहते थे, फिर धीरे से विदेशियों की नजर हमारे देश पर पड़ी और यह देश फिर विदेशियों का गुलाम हो गया. इसी तरह हम देख पाते है की किस प्रकार से अंग्रेज हमारे देश मेँ विदेशी व्यापारी बनकर आये और हमारे देश के राजनैतिक, सामाजिक एवं आर्थिक स्थितियों को अपने कब्जे मेँ ले लिए और यहां के निवासियों के बीच आपस मेँ मतभेद पैदा कर दिए, और इस तरह लगभग 350 सालों तक भारत मेँ शासन किये. तब कहीं जाकर हमारे देश के महापुरुषों ने आजादी की लड़ाई लड़ी और देश को अंग्रेजी राज से आजादी दिलाई. इसलिए ये हमारा तिरंगा कई वीर शहीदों के खून से सना हुआ है अतः इसके आन, बान और शान को आप सब बनाये रखिएगा. शासकीय नवीन महाविद्यालय बिर्रा के राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी प्रोफेसर मोतीचंद्र अनंत ने कहा की ये तिरंगा हमारे आजादी का प्रतीक है और हम सबका सम्मान है अतः इसकी रक्षा के लिए हम सबको हमेशा तैयार रहना चाहिए और इस पैगाम को हम सबको घर घर, गली मोहल्ले एवं हर व्यक्ति तक पहुंचाना है. महाविद्यालय से उक्त वक्तव्य समाप्त होने के बाद प्राचार्य के आदेशानुसार तिरंगा रैली ग्राम बिर्रा के हर गली एवं मोहल्ले मे निकाली गईं एवं लोगों को तिरंगा भेट किया गया और तिरंगा के महत्व को लोगों को बताया गया। रैली के बीच बीच मेँ छात्र छात्राओं ने देशभक्ति गीत गाया एवं देशभक्ति नारे लगाते हुए रैली मेँ आगे बढ़ रहे थे, उक्त कार्यक्रम मेँ महाविद्यालय के समस्त स्टॉफ जिसमें प्राचार्य डॉक्टर मुकेश कुमार, प्रोफेसर उत्तम सिदार, प्रोफेसर सौरभ शर्मा, योगेश टंडन, बाबूलाल कुर्रे, डॉक्टर सरोजनी कोशले, छात्र, छात्राओं मेँ मोहन कश्यप,दुर्गेश साहू,शिल्पी कश्यप, संध्या मल्होत्रा, दिव्या सारथी एवं मानसी कश्यप राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयं सेवक एवं सेविकाये इत्यादि उपस्थित थे. हर घर तिरंगा कार्यक्रम का सफल संचालन राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी प्रोफेसर मोती चंद्र अनंत ने किया।

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