चैतन्य विज्ञान एवं कला महाविद्यालय, पामगढ़ में राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया गया
पामगढ़ :- चैतन्य विज्ञान एवं कला महाविद्यालय, पामगढ़ की राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) इकाई ने रविवार को युवाओं के मार्गदर्शक और एनएसएस के प्रतीक पुरुष स्वामी विवेकानंद की जयंती को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया। इस अवसर पर स्वामी जी में विचारों पर परिचर्चा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उच्च शिक्षा विभाग के संयुक्त निदेशक (प्रभारी नैक और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 छत्तीसगढ़) प्रो. जी.ए. घनश्याम उपस्थित थे। कार्यक्रम का शुभारंभ माता सरस्वती एवं स्वामी विवेकानंद जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलित कर किया गया।दर्शकों को संबोधित करते हुए, प्रो. घनश्याम ने कहा कि स्वामी विवेकानंद का दर्शन हमें आत्मनिर्भर बनने और उत्कृष्टता के लिए प्रयास करने के लिए प्रेरित करता है। युवाओं के पास समाज को बदलने की कुंजी है, और इस तरह के मंच उन्हें उद्देश्य के साथ नेतृत्व करने के लिए सशक्त बनाते हैं। संस्था के प्राचार्य डॉ. वी.के. गुप्ता ने विशेष अतिथि के रूप में अपने विचार साझा करते हुए कहा शिक्षा प्रगति की नींव है, और स्वामी विवेकानंद की शिक्षाएँ हमें ज्ञान और चरित्र को एक साथ अपनाने की याद दिलाती हैं। उन्होंने छात्रों में इन मूल्यों को स्थापित करने का आह्वान किया। संस्था के संचालक श्री वीरेंद्र तिवारी ने राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भूमिका पर विचार करते हुए कहा युवा हमारे राष्ट्र की रीढ़ हैं। स्वामी विवेकानंद के सिद्धांतों को आत्मसात करके, युवावर्ग समाज में सार्थक बदलाव ला सकता हैं और समाज के विकास में योगदान दे सकते हैं। वरिष्ठ प्राध्यापक श्री विवेक जोगलेकर ने सभा को संबोधित करते हुए कहा स्वामी विवेकानंद का सद्भाव और एकता का संदेश कालातीत है। हमें अपने जीवन इन आदर्शों को अपनाना चाहिए। कार्यक्रम में वरिष्ठ प्राध्यापक श्रीमती शुभदा जोगलेकर , अशोक सिंह यादव, डॉ. नरेंद्रनाथ गुरिया, डॉ. शैली पाठक, ऋषभदेव पांडे और श्रीमती चंचल यादव ने भी अपने विचार साझा किए और छात्रों को उद्देश्यपूर्ण और सेवापूर्ण जीवन जीने के लिए प्रोत्साहित किया। कार्यक्रम में उपस्थित महाविद्यालयीन स्टाफ एवं एनएसएस स्वयंसेवकों एवं छात्रों ने स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं का पालन करने और समाज की बेहतरी में योगदान देने का संकल्प लिया।