
अकलतरा, 19 जुलाई 2025। ग्राम मुरलीडीह में स्व. जनीराम यादव की स्मृति में यादव परिवार द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत महापुराण कथा के दौरान भाटापारा निवासी सुप्रसिद्ध कथावाचक पंडित हरगोपाल शर्मा ने कथा के माध्यम से श्रीमद् भागवत की महिमा और भगवान की दिव्य लीलाओं का वर्णन करते हुए कहा कि यह शास्त्र विश्व को शांति, समाज को क्रांति और पठन-श्रवण करने वाले को मोक्ष प्रदान करता है।
उन्होंने बताया कि अट्ठारह पुराणों में से श्रीमद भागवत महापुराण को ही ‘श्रीमद्’ शब्द का तिलक मिला है। इसके पठन, मनन और श्रवण से जीवन की समस्त कामनाएं पूर्ण होती हैं और अंततः मोक्ष की प्राप्ति होती है। उन्होंने ब्रज की गोपियों का उदाहरण देते हुए कहा कि भक्ति ही वह साधन है जो कलियुग में मुक्ति का मार्ग प्रशस्त करता है।
कथा में महाभारत प्रसंग के माध्यम से उन्होंने पितामह भीष्म और द्रौपदी के संवाद को हृदयस्पर्शी ढंग से प्रस्तुत किया, वहीं सुकदेव-परीक्षित जन्म, ऋषभदेव, कपिलोपाख्यान, जड़भरत, अजामिल, ध्रुव और प्रहलाद चरित्र जैसे प्रसंगों ने श्रोताओं को भावविभोर कर दिया।
उन्होंने बताया कि सनातन संस्कृति में जहाँ भगवान के 24 अवतार माने गए हैं, वहीं जैन संस्कृति में 24 तीर्थंकरों की मान्यता है। ऋषभदेव को जैन धर्म का प्रथम तीर्थंकर बताते हुए कहा कि वे सात द्वीपों के सम्राट और सनातन व जैन संस्कृति के सेतु हैं।
संगीतमय कथा में भाटापारा से पधारे श्याम मित्र मंडल के गिरधर महाराज, संजू महाराज, गुड्डू भाई और जित्तू भाई द्वारा प्रस्तुत सुंदर भजनों पर श्रद्धालु झूमते रहे। प्रतिदिन कथा में श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है।