
सरायपाली, 20 जुलाई 2025। विकासखंड सरायपाली के 27 उपार्जन केंद्रों में से 14 केंद्रों में अब तक खरीदी गया धान उठाया नहीं गया है। कई स्थानों पर धान खुले आसमान के नीचे पड़ा हुआ है, जो बरसात में भीगकर सड़ने की कगार पर पहुंच गया है। यह स्थिति न सिर्फ प्रशासन की घोर लापरवाही को दर्शाती है, बल्कि इससे सरकार को लाखों रुपए की आर्थिक क्षति होने की आशंका भी है।
खुले में पड़ा धान, नहीं कोई सुरक्षा व्यवस्था
कई उपार्जन केंद्रों में न तो कैप कवर की व्यवस्था की गई है और न ही धान की सुरक्षा को लेकर कोई कदम उठाए गए हैं। खासकर केना उपार्जन केंद्र की स्थिति अत्यंत चिंताजनक है, जहां धान पूरी तरह भगवान भरोसे पड़ा है।
खरीदी खत्म हुए 4 माह, फिर भी उठाव अधूरा
सरकार द्वारा 1 नवंबर से 31 जनवरी तक समर्थन मूल्य ₹3100 प्रति क्विंटल की दर से खरीदी गई थी। खरीदी समाप्त हुए चार महीने से अधिक समय हो चुका है, लेकिन फिर भी आधे से ज्यादा केंद्रों में धान का उठाव नहीं हो सका है।
केना और भोथलडीह केंद्रों में गंभीर लापरवाही
केना उपार्जन केंद्र में कैप कवर तक नहीं लगाया गया, जिससे बारिश में धान भीग चुका है और अंकुरण की स्थिति में है। वहीं भोथलडीह केंद्र में तो ट्रांसपोर्ट ऑर्डर की डबल एंट्री के कारण 900 पैकेट धान रिकॉर्ड में शून्य दिखाया गया, जबकि मौके पर मौजूद है। समिति प्रबंधक दिलीप नायक के अनुसार इस त्रुटि की सूचना अधिकारियों को दी गई थी, पर महीनों बाद भी कोई सुधार नहीं हुआ।
सरकारी धन को नुकसान से बचाने की आवश्यकता
बारिश और चूहों के प्रकोप से धान नष्ट हो रहा है, जिससे सरकारी खजाने को भारी नुकसान की आशंका है। प्रशासन को तत्काल आवश्यक कदम उठाते हुए धान की सुरक्षा और शीघ्र उठाव सुनिश्चित करना चाहिए।