नगर पंचायत पामगढ़ की लापरवाही उजागर: एक हफ्ते से मार्किंग के बाद भी नहीं हटा अतिक्रमण, दुकानदारों की मनमानी जारी

पामगढ़, 20 अक्टूबर 2025। दीपावली जैसे देश के सबसे बड़े पर्व पर जब पूरे प्रदेश में स्वच्छता और यातायात व्यवस्था को लेकर प्रशासनिक अमला सक्रिय नजर आ रहा है, वहीं पामगढ़ नगर पंचायत की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। नगर पंचायत द्वारा एक सप्ताह पूर्व नगर के विभिन्न हिस्सों में अतिक्रमण को चिन्हित करते हुए दुकानों और ठेलों पर सफेद रंग से मार्किंग की गई थी, लेकिन इतने दिन बीत जाने के बाद भी अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो सकी है।
नगर में अतिक्रमण जस का तस, बोर्ड और ठेले सड़कों पर कायम
नगर पंचायत के अनुसार चिन्हित किए गए अतिक्रमण को हटाकर रास्तों को सुगम और सुरक्षित बनाया जाना था। लेकिन दीपावली गुजरने के बाद भी हालात जस के तस हैं सड़कों पर दुकानों के ठेले, बोर्ड और अवैध निर्माण अब भी जमे हुए हैं। इससे साफ जाहिर होता है कि पूरी कार्रवाई केवल दिखावटी और कागजी औपचारिकता भर थी।
दुकानदारों की मनमानी चरम पर
जहां प्रशासन को सख्ती दिखानी चाहिए थी, वहीं दुकानदारों ने मनमानी पर उतरते हुए सड़क के बड़े हिस्से पर अपना कब्जा कर लिया है। दुकानों के आगे अवैध स्टॉल, सामान और विज्ञापन बोर्ड लगाकर आमजन की आवाजाही को बुरी तरह बाधित किया जा रहा है। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि जब नगर पंचायत खुद ही कार्रवाई करने में असमर्थ है, तो दुकानदार क्यों नियमों का पालन करेंगे?
CMO से संपर्क की कोशिश नाकाम, प्रशासन की चुप्पी पर सवाल
इस मामले में जब CGखबर 24 की टीम ने नगर पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी (CMO) से संपर्क करने की कोशिश की, तो उनका मोबाइल बंद मिला। इससे यह स्पष्ट संकेत मिलता है कि जिम्मेदार अधिकारियों को नगर की स्थिति की कोई परवाह नहीं है, और वे जवाबदेही से बचना चाहते हैं।
जनता में आक्रोश, कार्रवाई की मांग
नगरवासियों का आक्रोश अब सड़कों पर दिखने लगा है। वे सवाल उठा रहे हैं कि क्या प्रशासन किसी बड़ी दुर्घटना या जन आंदोलन का इंतज़ार कर रहा है? आमजन की मांग है कि लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ तत्काल प्रभाव से कार्रवाई की जाए और अतिक्रमण हटाकर नगर की व्यवस्था को सुधारा जाए।
मनोज घोष, सचिव व्यापारी संघ, पामगढ़ ने कहा
नगर पंचायत की कार्यप्रणाली अब सवालों के घेरे में है। एक हफ्ते से मार्किंग हो चुकी है, फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। अगर प्रशासन को अतिक्रमण हटाना ही नहीं था, तो मार्किंग का दिखावा क्यों किया गया? व्यापारी संघ भी चाहता है कि व्यवस्था सुधरे, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी ही गंभीर नहीं हैं।