
रायपुर, 7 दिसम्बर 25। छत्तीसगढ़ में जमीन खरीद–फरोख्त के लिए जारी नई कलेक्टर गाइडलाइन दरों में अचानक हुई भारी बढ़ोतरी ने राजनीतिक और सामाजिक माहौल को गर्म कर दिया है। कई जिलों में दरों में 100% तक वृद्धि दर्ज की गई है, जबकि कुछ क्षेत्रों में यह बढ़ोतरी 800% तक पहुंच गई।
इस पर आम जनता, व्यापारी, किसान और राजनीतिक दलों द्वारा विरोध जताया जा रहा है। इसी बीच मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने स्थिति का संज्ञान लिया और स्पष्ट किया कि सरकार जनता को किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होने देगी।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि गाइडलाइन दरों को लेकर अभी भी विभागीय मंथन जारी है और जरूरत पड़ने पर सरकार इसमें पुनर्विचार करने के लिए तैयार है।
2017 के बाद पहली बार गाइडलाइन दरों में संशोधन
मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्ष 2017 के बाद से जमीन की गाइडलाइन दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई थी, जबकि नियमों के अनुसार हर साल इन दरों में संशोधन होना चाहिए। उन्होंने कहा कि नई दरों के कई सकारात्मक पहलू हैं, लेकिन ये अभी जनता के सामने पूरी तरह स्पष्ट नहीं हो पा रहे हैं।
उन्होंने भरोसा दिलाया कि यदि नई दरों से आम जनता को किसी भी प्रकार की असुविधा होती है तो सरकार स्थिति की समीक्षा करेगी और लोगों को राहत देने के विकल्पों पर गंभीरता से विचार करेगी।
राज्य में नई गाइडलाइन का विरोध लगातार बढ़ रहा है, और सरकार पर दबाव भी बढ़ता जा रहा है। आने वाले दिनों में गाइडलाइन दरों में संशोधन या राहत देने संबंधी कोई निर्णय लिया जा सकता है।
छत्तीसगढ़ में जमीन दरों को लेकर यह मुद्दा अब प्रमुख राजनीतिक और सामाजिक चर्चा का केंद्र बन चुका है।




