जांजगीर-चांपा विधायक पर रेत माफिया से सौदेबाज़ी का सनसनीखेज खुलासा, ऑडियो वायरल

जांजगीर चांपा : जिले के पामगढ़ विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक शेषराज हरबंश का एक कथित ऑडियो सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है। इस ऑडियो में अवैध रेत उत्खनन और परिवहन के मामले में बड़े स्तर पर रुपए के लेन-देन की चर्चा सामने आ रही है । बातचीत में कलेक्टर और एसडीएम तक को रुपए देने का जिक्र है। हालांकि, इस वायरल ऑडियो की स्वतंत्र पुष्टि अभी तक नहीं हुई है, लेकिन इसके वायरल होने से राजनीतिक और प्रशासनिक गलियारों में हलचल मच गई है ।
अवैध रेत उत्खनन का बड़ा नेटवर्क आया सामने
जिले की महानदी और हसदेव नदी से लगातार अवैध रेत उत्खनन और परिवहन की शिकायतें प्रशासन तक पहुँच रही हैं । इसी कड़ी में वायरल ऑडियो में एक युवक रोशन और विधायक शेषराज हरबंश के बीच बातचीत सुनाई देती है । इसमें कथित तौर पर हर महीने दस लाख रुपए देने की बात सामने आती है । इस रकम को अलग-अलग हिस्सों में बांटने की चर्चा होती है । कलेक्टर के लिए तीन लाख, एसडीएम के लिए दो लाख और विधायक के लिए पाँच लाख रुपए । यह बातचीत अवैध कारोबार के संरक्षण और उसके बदले मिलने वाले कमीशन की ओर इशारा करती है ।
विधायक और कारोबारी के बीच पैसों का बंटवारा
कथित ऑडियो के मुताबिक बातचीत में एक रघुवेन्द्र नामक व्यक्ति का भी जिक्र होता है । इसमें विधायक खुद युवक को एक लाख रुपए देने की बात कहते हैं । ऑडियो अलग-अलग दिनों के कई क्लिप्स से बना है, जिससे यह साफ होता है कि यह कोई एक दिन की बातचीत नहीं, बल्कि लगातार चल रही डील का हिस्सा है । स्थानीय स्तर पर कहा जा रहा है कि यह लेन-देन अवैध रेत कारोबरियों और नेताओं-अधिकारियों के गठजोड़ की ओर इशारा करता है।
बदनाम करने की साजिश – विधायक हरबंश वायरल ऑडियो पर सफाई देते हुए पामगढ़ विधायक शेषराज हरबंश ने कहा कि यह बातचीत दिसंबर 2024 के आसपास की है । उनका कहना है कि कुछ युवकों के अवैध रेत कारोबार की गाड़ियाँ पकड़ी गई थीं, जिन्हें छुड़ाने के लिए यह बातचीत की गई थी । वही पुराना ऑडियो अब वायरल कर उन्हें बदनाम करने की साजिश रची जा रही है । विधायक ने पलटवार करते हुए कहा कि उन्होंने कुछ युवकों के अवैध जमीन कब्जा करने की शिकायत एसडीएम से की थी । उसी से नाराज होकर युवकों ने उन्हें घेरने के लिए यह ऑडियो वायरल किया है ।
राजनीति और प्रशासन पर गंभीर सवाल
कथित ऑडियो में जिस तरह अधिकारियों और विधायक तक को रकम बाँटे जाने की चर्चा है, उसने पूरे जिले की राजनीति में भूचाल ला दिया है । यह मामला न केवल अवैध रेत कारोबार की जड़ों को उजागर करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि किस तरह स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधि इस कारोबार को संरक्षण देते हैं । अब सवाल उठ रहा है कि क्या इस मामले की निष्पक्ष जांच होगी और क्या वायरल ऑडियो में उठाए गए आरोपों की सच्चाई सामने आएगी।