बिलासपुर

आश्रय गृह में विकलांग बच्चों की मौत पर NGO ने लगाई याचिका, हाईकोर्ट ने शासन से शपथपत्र के साथ मांगा जवाब

बिलासपुर :- छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने कोपल वाणी मामले में वित्त और समाज कल्याण विभाग के सचिव से शपथपत्र के साथ 22 अगस्त तक जवाब मांगा है. कोर्ट ने मामले में विभाग से अब तक क्या किया गया और वर्तमान में बच्चों की स्थिति क्या है. इसको लेकर जानकारी मांगी है. दरअसल, रायपुर के एक एनजीओ में करोड़ों के शासकीय अनुदान के बावजूद भूखमरी से बच्चों की मौत हो गई थी. जिसे लेकर संस्था कोपल वाणी ने राज्य के बड़े प्रशासनिक अधिकारियों से लिखित शिकायत की थी।

बता दें कि राज्य शासन द्वारा समाज कल्याण विभाग के अंतर्गत सामाजिक संस्थाओं को अनुदान दी जाती है. निराश्रित बच्चों के लिए अलग से घरौंदा योजना प्रारंभ की गई थी. इसके तहत पीतांबरा संस्था समेत 4 संस्थाओं को 9 करोड़ 76 लाख की राशि दी गई थी. इसमें से पीतांबरा और कुछ अन्य संस्थाओं में 2014 से लेकर अब तक अलग अलग 8 बच्चों की मौत हो गई है. इनमें से जब 2017 में एक घटना पीतांबरा में हुई तो इसकी शिकायत की गई. समाज कल्याण विभाग के सचिव ने कहा था कि एफ आई आर होनी चाहिए. इसमें बड़ी रकम की हेरफेर का मामला बताते हुए ईडी से भी शिकायत हुई थी।

विशेष बच्चों, दिव्यांग बच्चों के लिए काम कर रही संस्था कोपल वाणी रायपुर ने इसे लेकर जनहित याचिका लगाई. जिसमें कहा गया कि शासन के अनुदान का इस तरह दुरुपयोग हो रहा है. इतनी बड़ी रकम होने के बाद भी भूख से बच्चों की यह स्थिति भयावह है. मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस की डीबी में हुई. इस दौरान सरकार से जवाब मांगा गया है।

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