कबीरधामकवर्धा

कबीरधाम जिले के जीवन दायिनी सकरी नदी के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए तैयार हो रहा मास्टर

कबीरधाम जिले के जीवन दायिनी सकरी नदी के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए तैयार हो रहा मास्टर प्लान

कलेक्टर श्री जनमेजय महोबे ने करियाआमा से लेकर पिपरिया तक सकरी नदी का अवलोकन किया और कछारी मिट्टी के कटाव का भी निरीक्षण किया, कलेक्टर ने ग्रामीणों से चर्चा कर आवश्यक जानकारी भी ली

जिले में सकरी नदी का प्रवाह 90 किलोमीटर की और 66 ग्रामों का सर्वेक्षण कार्य अंतिम चरण में

मैकल पर्वत की करियाआमा समीप से लेकर जिले के अंतिम प्रवाह स्थल नदी तटों पर होगा बहुगुणीय पौधा का रोपण

सकरी नदी एक नजर में-

कबीरधाम जिले की जीवन रेखा जीवन दायिनी हैं सकरी नदी
कबीरधाम जिले में 90 किलोमीटर तक सकरी नदी का प्रवाह
सकरी नदी की 90 किलोमीटर की लम्बाई में जिले के 66 ग्रामों नदी तट पर स्थित

कार्ययोजना- मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना
कनवर्जेसन विभाग- वन विभाग, राजस्व, जल संसाधन और कृषि विभाग की होगी भूमिका

उद्ेश्य-

नदी के कटाव व मृदा अपदन को रोकना
निजी भूमि में वृक्षा रोपण कर किसानों के आय में वृद्धि करना
वाणिज्यिक प्रजातियों के वनोजप के उत्पादकों में वृद्धि करना
निजी भूमि का समुचित उपयोग-वृक्षारोपण, पर्यावरण में सुधार एवं जलवायु परिवर्तन के विपरित प्रभावों को रोकना।
प्रत्यक्ष एवं अप्रत्य रूप से स्थानीय रोजगार का सृजन करना

कवर्धा, 14 फरवरी 2023। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के मंशानुरूप वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर के निर्देश पर कबीरधाम जिले की जीवन दायिनी सकरी नदी के संरक्षण, संवर्धन और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से होने वाले नुकसान से नदी को बचाने के लिए वृहद स्तर पर मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है। सकरी नदी के संरक्षण और संवर्धन की दिशा में तैयार हो रहे मास्टर प्लान में कबीरधाम जिले क्षेत्र में प्रवाहित सीमा 90 किलोमीटर और नदी के तटीय 66 गावों को शामिल किया गया है। इस मास्टर प्लान को बनाने में राजस्व विभाग, वन विभाग, जल संसाधन विभाग, कृषि विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। कलेक्टर श्री जनमेजय महोबे के मार्गदर्शन में इस मास्टर प्लान को वनंडलाधिकारी श्री चूड़ामणि सिंह के द्वारा तैयार किया जा रहा है।
कलेक्टर श्री जनमेजय महोबे एवं वनमंडलाधिकारी श्री चूड़ामणि सिंह ने संयुक्त रूप से सकरी नदी के प्रवाह क्षेत्र मैकल पर्वत के करियाआमा स्थल से लेकर नगर पंचायत पिपरिया के समीप गांव खाम्ही तक के सकरी नदी तट का अवलोकन किया। कलेक्टर श्री महोबे ने राज्य शासन की महत्वपूर्ण योजना मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना के तहत तैयार हो रहे मास्टर प्लान की पूरी जानकारी ली। उन्होने सकरी नदी के तट में बसे 66 ग्रामों के राजस्व भूमि, निजी भूमि, शासकीय भूमि के सर्वे कार्य की पूरी जानकारी ली। कलेक्टर ने सकरी नदी में जल संसाधन विभाग द्वारा तैयार किए गए एनिकट, व्यपर्तन सिचाई योजना, चेकडेम की पूरी जानकारी भी ली।
कलेक्टर श्री महोबे ने बताया कि राज्य शासन की मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना एक महत्वपूर्ण योजना है। इस योजना के तहत करियाआम से लेकर कबीरधाम जिले क्षेत्र में सकरी नदी के प्रवाहित कुल 90 किलोमीटर की दूरी को शामिल किया गया है। सकरी नदी के इस 90 किलोमीटर तक नदी के दोनों तटों पर जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से होने वाले नुकसान के रोकने के लिए बहुगुणिय पौधा का रोपण किया जाएगा। कलेक्टर अवलोकन के बाद इस सर्वे कार्य के संबंध में आज बोडला एसडीएम और कवर्धा एसडीएम से पूरी जानकारी भी ली। बताया गया कि राजस्व ग्रामों में निजी एवं शासकीय भूमि के सर्वे का कार्य अंतिम चरण पर है।
वनमंडलाधिकारी श्री चूड़ामणि सिंह ने बताया कि करियाआमा से लेकर अंतिम प्रवाह क्षेत्र के शासकीय भूमि पर कैंपा,मनरेगा और अन्य योजनाओं से कार्य किया जाएगा। इसी प्रकार निजी भूमि पर नदी के कटाव को रोकन नदी के संक्षण एवं संवर्धन को विशेष ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना में शामिल किया जाएगा। इससे अनुउपयोगी भूमि में संबंधित किसानों के आय में बढ़ोत्तरी के साथ-साथ स्थानीय स्तर पर प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर सृजन भी किया जाएगा। नदी तट पर बहुगुणिय पौधे जैसे सफेद चंदन, रूदाक्ष, टिशू सौगौन,टिशू कल्चर बांस, क्लोनल नीलगिरी, मिलिया डूबिया नीम, औषधीय एवं वाणिज्यिक पौधे स्टीविया, अश्वगंधा, सर्पगंधा, सतावर पौधों का शामिल किया गया है। जल संसाधन विभाग के कार्यपालन अभियंता श्री बीके मगेन्द्र ने बताया कि सकदी नदी में कुल 19 एनिकट एवं निर्माण कार्य शामिल है। कलेक्टर ने सभी एनिकटां स्थलों का सुधार कार्य, उन स्थलों के विशेष सफाई, काप की सफाई एवं अन्य सुधार कार्य के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान उपसंचालक कृषि श्री राकेश शर्मा तथा राजस्व व वन विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

क्या है मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना

राज्य में किसानों की आय में वृद्धि के उद्देश्य से हाल ही में राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना को वित्तीय वर्ष 2023-24 से लागू करने की स्वीकृति प्रदान की गई है। ‘मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना‘ में भाग लेने हेतु इच्छुक कृषक अथवा संस्था अपने क्षेत्र के वन परिक्षेत्र अधिकारी कार्यालय में सम्पर्क कर आगामी वर्ष में रोपण हेतु आवश्यक पौधों की जानकारी सहमति पत्र के साथ दे सकते हैं। इस योजना में कृषकों के निजी भूमि में प्रतिवर्ष 36 हजार एकड़ के मान से पांच वर्षों में एक लाख 80 हजार एकड़ वाणिज्यिक वृक्ष प्रजातियों (क्लोनल नीलगिरी, टिशू कल्चर बांस, टिशू कल्चर सागौन, मिलिया डूबिया एवं अन्य आर्थिक लाभकारी प्रजाति) का रोपण किया जाएगा। समस्त वर्ग के सभी इच्छुक भूमि स्वामी, शासकीय, अर्ध-शासकीय एवं शासन के स्वायत्त संस्थाएं, निजी शिक्षण संस्थाएं, निजी ट्रस्ट, गैर शासकीय संस्थाएं, पंचायतें तथा भूमि अनुबंध धारक जो अपने भूमि में रोपण करना चाहते है, इस योजना के हितग्राही होंगे। ‘मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना‘ के अंतर्गत पात्र हितग्राहियों को 5 एकड़ तक भूमि पर (अधिकतम 5000 पौधे) पौधों का रोपण हेतु 100 प्रतिशत तथा 05 एकड़ से अधिक भूमि पर रोपण हेतु 50 प्रतिशत वित्तीय अनुदान दिया जाएगा। इस योजना में सहयोगी संस्था अथवा निजी कम्पनियों के सहभागिता का प्रस्ताव है।

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