बिलासपुर

केवल डीएलएड डिग्रीधारी ही बनेंगे प्राथमिक स्कूल में शिक्षक, बीएड वाले अपात्र, निरस्त होगी चयन, हाईकोर्ट के डिविजन बेंच ने दिया आदेश

बिलासपुर :- हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में बीएड डिग्रीधारियो को सहायक शिक्षक भर्ती के लिए अपात्र माना है जबकि डीएलएड डिग्रीधारियों को पात्र माना है। कोर्ट ने राज्य शासन को आदेश दिया है की छह सप्ताह के भीतर पुरानी चयन सूची को निरस्त करके संशोधित चयन सूची जारी करे। जिसमे डीएलएड डिग्री धारियों को प्राथमिकता दी जाए।

डीएलएड प्रशिक्षित अभ्यर्थियों विकास सिंह, युवराज सिंह व अन्य ने अपने अधिवक्ताओं के माध्यम से अलग-अलग याचिका दायर की थी। इसमें कहा था कि चार मई 2023 को सहायक शिक्षक के तकरीबन 6500 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया गया था। 10 जून को परीक्षा हुई थी। इसमें बीएड और डीएलएड प्रशिक्षित दोनों अभ्यर्थी शामिल हुए थे। याचिकाकर्ताओं ने अपनी याचिका में कहा था कि प्राथमिक शाला में पढ़ने वाले बच्चों के अध्ययन अध्यापन के लिए डीएलएड पाठ्यक्रम के दौरान प्रशिक्षकों द्वारा विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है।

जबिक बीएड पाठ्यक्रम के दौरान उच्चतर कक्षाओं को पढ़ाने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। स्कूल शिक्षा विभाग ने नियमों में संशोधन कर दिया है। इसके अनुसार, सहायक शिक्षक की भर्ती में स्नातक और बीएड या डीएलएड को अनिवार्य योग्यता के रूप में शामिल किया गया है। जबकि बीएड प्रशिक्षितों को भर्ती में शामिल करना अवैधानिक है। बीएड प्रशिक्षण प्राप्त उम्मीदवारों को प्राथमिक स्कूल के बच्चों को पढ़ाने की कोई ट्रेनिंग नहीं दी जाती है। याचिकाकर्ताओं ने सहायक शिक्षक की अनिवार्य योग्यता से बीएड को हटाने की मांग की थी। साथ ही भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगाने का अनुरोध किया था। सुनवाई के बाद चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा और जस्टिस एनके चंद्रवंशी की डिवीजन बेंच ने बीएड अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग और अंतिम चयन सूची पर अंतरिम रोक लगा दी थी। साथ ही राज्य शासन से जवाब मांगा था। याचिका पर अंतिम सुनवाई के बाद कोर्ट ने 29 फरवरी को फैसला सुरक्षित रख लिया था। इसके बाद मंगलवार को डिवीजन बेंच का यह महत्वपूर्ण फैसला आया है। याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ताओं का कहना है कि हाईकोर्ट ने फैसले में बीएड पास उम्मीदवारों की दावेदारी खत्म कर दी है। डिवीजन बेंच ने स्पष्ट किया है कि प्राइमरी स्कूल के शिक्षकों के लिए केवल डीएलएड पास उम्मीदवार ही मान्य होंगे। कोर्ट ने यह भी कहा है कि बीएड पास सहायक शिक्षक जिनकी ज्वाइनिंग हो चुकी है, उनकी नियुक्ति राज्य सरकार निरस्त करे। साथ ही 6 सप्ताह के भीतर डीएलएड पास उम्मीदवारों की ही नियुक्ति करे। इसके लिए संशोधित चयन सूची बनाने के लिए कहा है।

सुप्रीम कोर्ट का ये फैसला बना आधार

याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का हवाला देते हुए कहा कि राज्य शासन ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उल्लंघन कर दिया है। राज्य शासन ने भर्ती प्रक्रिया के लिए अपने ही बनाए मापदंड व प्रक्रिया का पालन नहीं किया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!
× Click to send News