मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने वर्षाजनित बीमारियों की रोकथाम के लिए सभी आवश्यक तैयारियां सुनिश्चित करने के दिये निर्देश
लोकस्वास्थ्य यांत्रिकी, नगरीय निकाय एवं स्वास्थ्य विभाग का अमला अलर्ट रहें
सभी स्वास्थ्य केन्द्रों में दवाईयों की पर्याप्त उपलब्धता हो
जल स्त्रोतों का किया जाए क्लोरिनेशन
रायपुर :- मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने वर्षाजनित बीमारियों की रोकथाम के लिए सभी आवश्यक तैयारियां सुनिश्चित करने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं। मुख्यमंत्री श्री साय ने मानसून के दौरान संभावित बीमारियों की रोकथाम के लिए अधिकारियों को राजधानी से लेकर ग्राम पंचायत तक लगातार सतर्क रहने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रदेश के सभी अस्पतालों और स्वास्थ्य केन्द्रों में सभी आवश्यक जीवन रक्षक दवाईयों की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा है। मुख्यमंत्री ने हैंडपंप, नलकूप, एवं जल स्त्रोतों की मरम्मत, साफ-सफाई और क्लोरिनेशन कराने के भी निर्देश दिए हैं। ब्लीचिंग पाउडर और क्लोरिन टैबलेट की पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हों। मुख्यमंत्री ने वर्षाजन्य बीमारियों एवं अन्य समस्याओं से निपटने के लिए प्रशासनिक अमले के साथ लोकस्वास्थ्य यांत्रिकी, नगरीय निकाय एवं स्वास्थ्य विभाग के अमले को अलर्ट रहने को कहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि बरसात के मौसम में उल्टी-दस्त, मलेरिया आदि मौसमी बीमारियों के होने की ज्यादा आशंका रहती है। पेयजल स्त्रोतों की सफाई जैसे छोटे-छोटे उपायों से इन बीमारियों के प्रकोप से बचा जा सकता है। राज्य में संक्रामक बीमारियों की दृष्टि से संवेदनशील गांवों और इलाकों में स्वास्थ्य विभाग के अमले द्वारा लगातार निगरानी रखी जानी चाहिए।
सर्पदंश से बचाव के लिए स्वास्थ्य केन्द्रों में उपलब्ध हो एन्टी स्नेक वेनम
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि जशपुर अंचल सहित ऐसे क्षेत्र जहा सर्पदंश के मामले ज्यादा आते हैं उन इलाकों में बचाव के लिए लोगों को जागरूक किया जाए। साथ ही सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में एन्टी स्नेक वेनम की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता सुनिश्चित करने के साथ ही स्वास्थ्य केन्द्रों में सर्पदंश के प्रकरणों को हैण्डल करने के लिए चिकित्सक एवं प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मी उपलब्ध रहें।
मुख्यमंत्री ने वर्षाजनित बीमारियों से बचाव के लिए लोगों को जागरूक करने के निर्देश भी दिए हैं। बारिस के मौसम में घरों के आसपास जल जमाव न हो, ताकि मच्छर न पैदा हों। सर्दी-बुखार, खांसी, उल्टी-दस्त समस्या होने पर लोग स्वास्थ्य केन्द्र जाएं और चिकित्सक की सलाह से ही दवाओं का सेवन करें।