तहसीलदारों को सुरक्षा न मिलने एवं अन्य घोषित मांगों में कोई कार्यवाही न होने से आक्रोशित छ.ग.कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ सामूहिक अवकाश पर।
जांजगीर चांपा :- महासमुंद जिले के झलक तहसील में नया तहसीलदार युवराज साहू के साथ हुई मारपीट की घटना से आक्रोशित राज्य के सभी तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ के तत्वाधान में तीन दिवस के सामूहिक अवकाश पर चले गए हैं। आपको बता दें कि पूर्व में ही तहसीलदार एवं नायब तहसीलदारों ने न्यायालय में सुरक्षा संबंधी मांग सरकार से की थी। एवं पूर्व सरकार के द्वारा न्यायालय में सुरक्षा हेतु पत्र समस्त कलेक्टर को भी जारी किए गए थे परंतु आज तक फील्ड में उसका कोई असर नहीं दिखा है जिसके कारण आज भी न्यायालय में बैठे तहसीलदार /नायब तहसीलदारों के ऊपर असामाजिक तत्वों के द्वारा हमले मारपीट गाली गलौज आदि की खबरें लगातार आती रही है। ऐसी स्थिति में नायब तहसीलदार /तहसीलदारों का न्यायालय में बैठकर काम करना मुश्किल हो गया है। पिछली सरकार में माननीय मुख्यमंत्री के द्वारा नायब तहसीलदारों को राजपत्रित घोषित किया गया था परंतु आज तक इस संबंध में कोई भी पत्र सर्कुलर जारी नहीं किया गया है। इस प्रकार तहसीलदार से डिप्टी कलेक्टर प्रमोशन में 50-50 का अनुपात लागू करने की घोषणा की गई थी वह भी अभी तक अमल में नहीं लाया गया है। एएसएलआर एसएलआर को पर्याप्त संख्या में नया तहसीलदार तहसीलदार होने के बावजूद तहसीलदार का प्रभार दिया जाता है जिसके लिए भी संघ ने विरोध जाहिर किया था और बाकायदा समस्त कलेक्टरों को मंत्रालय से पत्र भी निकल गया था एवं एएसएलआर एसएलआर को नायब तहसीलदार तहसीलदार ना बनाने के संबंध में निर्देश जारी किए गए थे। परंतु आज तक किसी भी मांग को पूरा नहीं किया गया है ना ही घोषित एवं निर्देशित मांगों को अमल में लाया गया है। आपको बता दे की नायब तहसीलदार तहसीलदार प्रशासन के महत्वपूर्ण अंग हैं। जमीन विवादों का निपटारा हो या तहसील जिले में कानून व्यवस्था को लागू करना यह सब काम नायब तहसीलदार तहसीलदारों के द्वारा ही किया जाता है। प्रोटोकॉल से लेकर आवश्यक व्यवस्थाओं एवं जनता तथा प्रशासन के बीच समन्वय का कार्य भी तहसीलदार के द्वारा ही किया जाता है। विभिन्न विभागों के कार्यालय का निरीक्षण तथा कलेक्टर के प्रतिनिधि के रूप में विभिन्न विभागों के योजनाओं के जांच एवं निरीक्षण भी तहसीलदारों नायब तहसीलदारों के माध्यम से किया जाता है। परंतु वेतन विसंगति होने के कारण बहुत से विभाग अब उनकी बातों को अनसुना कर रहे हैं। क्योंकि कई विभागों में विभाग के कार्यालय प्रमुख का वेतन नायब तहसीलदार तहसीलदारों के वेतन से अधिक है ऐसे में नया तहसीलदारों तहसीलदारों को दूसरे विभाग के अधिकारियों को निर्देशित करने में कठिनाई उत्पन्न होती है। निर्वाचन हो या अन्य कोई भी सर्व तहसीलदार हर भूमिका में अपने आप को खरा उतरता है संसाधनों की कमी एवं ऑपरेटर भारतीयों तहसील स्टाफ की कमी होने के बावजूद भी तहसीलदार अपने स्वयं के वैसे कार्यों को अंजाम देता है ताकि गरीब किसानों एवं आम जनता को किसी भी प्रकार का परेशानी ना हो। परंतु वर्तमान स्थिति में नायब तहसीलदार तहसीलदार को कार्यक्षेत्र में कार्य करने के लिएभाई का वातावरण उत्पन्न कर दिया गया है बिना सुरक्षा के फील्ड में जाना नियलिंग कार्य करना अब दूभर हो गया है। इन्हीं सब अपने मांगों को लेकर तहसीलदार नायब तहसीलदार आज से तीन दिवस के सामूहिक अवकाश पर चले गए हैं एवं मांग पूरी न होने पर अनिश्चितकालीन हड़ताल करने के लिए बाध्य होंगे ऐसा ज्ञापन कलेक्टरों को सौंपा गया है। जहां तक वहां की बात है तहसीलदार एवं नायब तहसीलदारों के समस्त मांग जायज हैं। प्रशासन की रीड की हड्डी के रूप में काम कर रहे तहसीलदार नायब तहसीलदार संसाधनों एवं स्टाफ के अभाव में काम करें भी तो कैसे? सरकार को ईश्वर ध्यान देकर उनकी मांगों को त्वरित रूप से पूर्ण किया जाना चाहिए ताकि प्रशासन मजबूती के साथ आम जनता की समस्याओं का निराकरण कर सके तथा जिले की शांति एवं कानून व्यवस्था बनाने में उन्हें किसी प्रकार की कोई कठिनाई न हो।