
पामगढ़, 11 दिसम्बर 25। CYDA युथ फॉर चेंज स्किल सेंटर, पामगढ़ में अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस का आयोजन गरिमा एवं उत्साह के साथ किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि दूजे राम ज्योति (निशक्त जन कल्याण सेवा समिति एवं किशोर एवं बाल कल्याण समिति, जिला पूर्व मजिस्ट्रेट, जिला जांजगीर–चांपा) थे।
कार्यक्रम में सुश्री सस्मिता (अजीम प्रेमजी फाउंडेशन), उमेश प्रधान (वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता), सचिन कुमार (अजीम प्रेमजी फाउंडेशन), आमना बेगम (जन सहस फाउंडेशन), यूनिशा टंडन (अध्यक्ष—यूनिटी जन विकास समिति) तथा राजू साहू सहित कई सम्मानित अतिथि उपस्थित रहे।
कार्यक्रम की शुरुआत अतिथियों द्वारा माल्यार्पण एवं स्वागत के पश्चात उमेश प्रधान द्वारा मानवाधिकार की शपथ दिलाकर की गई।
मुख्य अतिथि दूजे राम ज्योति ने अपने उद्बोधन में कहा कि आज भी महिला–पुरुष समानता पूरी तरह स्थापित नहीं हुई है। मानवाधिकार सभी को समान दर्जा देने का अधिकार है और समाज में वास्तविक समानता का वातावरण बनाना आवश्यक है।
सुश्री सस्मिता ने कहा कि मानवाधिकार मनुष्य के अधिकारों और कर्तव्यों की सुरक्षा के लिए बनाए गए हैं, ताकि हर व्यक्ति सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन जी सके।
आमना बेगम ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि मानव की केवल दो जातियाँ हैं महिला और पुरुष। सभी अधिकार मानव के लिए ही बने हैं और सभी को समान रूप से मिलना चाहिए।
कार्यक्रम का मंच संचालन कर रहीं यूनिशा टंडन ने कहा कि कानूनी स्तर पर अधिकार उपलब्ध हैं, लेकिन सामाजिक स्तर पर आज भी असमानता और जातीय भेदभाव कायम है। इसलिए परिवर्तन की शुरुआत हमें अपने भीतर से करनी होगी।
CYDA युवा समन्वयक रामेश्वर कुर्रे ने युवाओं को मानवाधिकारों के महत्व से अवगत कराते हुए कहा कि युवा राष्ट्र शक्ति का आधार हैं और उन्हें समाज निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि मानवाधिकार सभी मनुष्यों को समानता, स्वतंत्रता, गरिमापूर्ण जीवन, न्याय, खुशहाली और शांतिपूर्ण जीवन का अधिकार देता है।
युथ फॉर चेंज के जिला अध्यक्ष सोमेश श्रीवास ने मानवाधिकारों की पृष्ठभूमि की विस्तृत जानकारी दी और कहा कि वर्तमान समय में युवाओं को मानवाधिकारों के प्रति अधिक जागरूक बनने की जरूरत है। उन्होंने यह भी बताया कि युथ फॉर चेंज युवाओं के सर्वांगीण विकास का प्रमुख मंच बन चुका है।
कार्यक्रम में अनिता कश्यप, ज्योति, आत्मा रत्नाकर सहित कई युवा साथी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का मुख्य संदेश रहा मानव समान है, सभी के अधिकार समान हैं।




