राष्ट्रीय कृषि विकास योजना से संतोष कुमार ने लगाई हाइब्रिड भिंडी, उद्यानिकी विभाग से मिला लाभ तो खुशहाल हुआ परिवार
जांजगीर-चांपा :- जिले के एक छोटे से गाँव में रहने वाले संतोष कुमार, पहले पारंपरिक खेती करते थे। उनके पास जमीन तो थी, लेकिन कम उत्पादकता और बढ़ते खर्चों के कारण उन्हें अपनी जरूरतें पूरी करने में कठिनाई होती थी। खेती में बदलाव की इच्छा तो थी, लेकिन संसाधनों और जानकारी के अभाव के कारण वे कुछ नया करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे थे। संतोष कुमार, पिता सियाराम को उद्यानिकी अधिकारी से राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के बारे में जानकारी मिली और योजना के तहत उन्हें नई उद्यानिकी फसलों की खेती, आधुनिक तकनीकों और संसाधनों के लिए आर्थिक सहायता और प्रशिक्षण प्रदान कर आगे बढ़ाया और योजना से गांव का सफल किसान बनने से उनका परिवार खुशहाल बन गया।
जांजगीर चांपा जिले के विकासखंड नवागढ़ के ग्राम पंचायत मरकाडीह धुरकोट में किसान संतोष कुमार पिता सियाराम को उद्यानिकी विभाग के माध्यम से हाइब्रिड भिंडी की खेती के फायदों के बारे में बताया गया। विभाग ने उन्हें इस योजना के तहत उच्च गुणवत्ता वाले हाइब्रिड भिंडी के खेती हेतु अनुदान उपलब्ध कराया। उन्हें वैज्ञानिक तरीकों से भिंडी की खेती, सिंचाई प्रबंधन और कीट नियंत्रण के बारे में प्रशिक्षण दिया गया। उद्यानिकी वैज्ञानिकों ने खेत की मिट्टी के अनुरूप फसल और उचित फसल प्रबंधन के सुझाव दिए। उद्यानिकी विभाग सहायक संचालक श्रीमती रंजना मखीजा ने बताया कि विभाग की सलाह के अनुसार हाइब्रिड भिंडी की बुवाई की। समय पर कीटनाशकों और रोग प्रबंधन तकनीकों का पालन करने से उनकी फसल स्वस्थ रही। उन्होंने 0.50 हेक्टेयर जमीन पर भिंडी का उत्पादन किया। बाजार में हाइब्रिड भिंडी की अच्छी मांग होने के कारण उन्हें फसल का बेहतर मूल्य मिला। फसल से ही संतोष कुमार को 1 लाख 20 हजार रुपये का शुद्ध लाभ हुआ।
इस सफलता से संतोष की आर्थिक स्थिति में बड़ा सुधार हुआ। अपने बच्चों का लालन पालन कर रहे हैं और अपने घर में आधुनिक सुविधाएँ लाने में सक्षम हैं। संतोष की सफलता की कहानी उनके गाँव के अन्य किसानों के लिए प्रेरणा बनी। उद्यानिकी विभाग की राष्ट्रीय कृषि विकास योजना की मदद से कई अन्य किसानों ने भी हाइब्रिड सब्जियों की खेती शुरू करने की तैयारी कर रहे है। संतोष का कहना है कि अगर किसान शासन की योजनाओं का सही उपयोग करें और नई तकनीकों को अपनाएँ, तो खेती को लाभदायक व्यवसाय में बदला जा सकता है। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना ने न केवल संतोष की, बल्कि उनके जैसे कई किसानों की जिंदगी बदल दी है।