छत्तीसगढ़जांजगीर-चांपा

कलेक्टर श्री आकाश छिकारा ने बाल-विवाह मुक्त जांजगीर-चांपा बनाने हेतु जनप्रतिनिधि, स्वयंसेवी संगठन और आमजनों से की अपील

जांजगीर-चांपा 04 अप्रैल 2025/ कलेक्टर श्री आकाश छिकारा ने जिले के सभी जनप्रतिनिधियों, अभिभावकों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, स्वयंसेवी संस्थाओं एवं आम नागरिकों से बाल विवाह जैसी कुप्रथा को समाप्त करने के लिए ग्रामीण, शहरी क्षेत्रों में हर संभव प्रयास करने की अपील की है। बालविवाह एक सामाजिक कुप्रथा है, जिसे कानूनी रूप से भी निषेध किया गया है। प्रायः राम नवमी एवं अक्षय तृतीया में बड़ी संख्या में बाल विवाह होते है जो प्रदेश व समाज के लिए अभिशाप है। बाल विवाह के गंभीर दुष्परिणाम न केवल बच्चों को बल्कि पूरे परिवार व समाज पर पड़ते है। बाल विवाह बच्चों के अधिकारों का निर्मम उल्लंघन है। बालविवाह से बच्चों के पूर्ण परिपक्व व्यक्ति के रूप में विकसित होने का अधिकार अच्छा स्वास्थ्य पोषण शिक्षा पाने और हिंसा व शोषण से बचाव के मूलभूत अधिकारों का हनन होता है। कम उम्र में विवाह से बालिका का शारीरिक विकास रूक जाता है। गंभीर संक्रामक यौन बीमारियों के चपेट में आने का खतरा बढ़ जाता है और उनके स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ता है। जल्दी विवाह अर्थात् जल्दी मां बनने के कारण कम उम्र की मां और उसके बच्चे दोनों की जान और सेहत खतरे में पड़ जाती है। कम उम्र की नवजात शिशुओं का वजन कम रह जाता हैं। साथ ही उनको कुपोषण व खून की कमी की आशंका ज्यादा रहती है। ऐसे प्रसव में शिशु मृत्यु दर, प्रसूता मृत्युदर ज्यादा पायी जाती है। बालविवाह की वजह से बहुत सारे बच्चें अनपढ़ और अकुशल रह जाते है। जिससे उनके सामने अच्छे रोजगार पाने व बड़े होने पर आत्मनिर्भर होने की ज्यादा संभावना नही बचती है। अतः यदि बालविवाह की सूचना प्राप्त होती है तो तत्काल नजदीकी थाना, जिला प्रशासन, महिला एवं बाल विकास विभाग को इसकी सूचना देवें। कानून का उल्लंघन करने वाले के विरूद्ध आवश्यक वैधानिक कार्यवाही की जावेगी। जिसके तहत् बालविवाह करने वाले पुरोहित अथवा बाल विवाह को जो बढ़ावा देता है, उसकी अनुमति देता है अथवा बालविवाह में सम्मिलित होता है, को 02 वर्ष तक का कठोर कारावास अथवा जुर्माना जो कि 01 लाख रूपये तक हो सकता है अथवा दोनों से दण्डित किया जा सकता है। बालविवाह के संबंध में यह तथ्य भी ध्यान देने योग्य है कि बालविवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के अनुसार लड़की की शादी 18 वर्ष एवं लड़के की शादी 21 वर्ष से पहले नहीं होना चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!