नई दिल्ली

देशभर में सड़क हादसे में पीड़ितों के लिए केंद्र सरकार की नई योजना का ऐलान,1.5 लाख तक का मिलेगा कैशलेस उपचार….

नई दिल्ली :- केंद्र सरकार ने सड़क दुर्घटनाओं में घायल व्यक्तियों और उनके परिवारों के लिए एक महत्वपूर्ण राहत योजना की घोषणा की है मंगलवार को जारी अधिसूचना के अनुसार, इस योजना का नाम ‘सड़क दुर्घटना पीड़ितों का कैशलेस उपचार योजना, 2025’ रखा गया है, जिसके तहत सड़क हादसों में घायल व्यक्तियों को कैशलेस इलाज की सुविधा प्रदान की जाएगी सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने इस योजना को आधिकारिक रूप से अधिसूचित किया है, जिसे सड़क सुरक्षा और पीड़ितों के कल्याण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है योजना के अंतर्गत, पीड़ित को दुर्घटना की तारीख से सात दिनों के भीतर किसी मान्यता प्राप्त अस्पताल में 1.5 लाख रुपये तक के कैशलेस उपचार का लाभ मिलेगा यह योजना 5 मई 2025 से प्रभावी हो गई है।

केंद्र सरकार की हालिया अधिसूचना के अनुसार, किसी भी सड़क पर मोटर वाहन से होने वाली दुर्घटना में प्रभावित व्यक्ति इस योजना के तहत कैशलेस उपचार का लाभ उठा सकेगा. उल्लेखनीय है कि इस वर्ष जनवरी में केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने भारत में सड़क दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या पर चिंता व्यक्त करते हुए इस प्रकार की योजना लाने की घोषणा की थी।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (NHA) इस योजना को लागू करने के लिए राज्य की पुलिस, अस्पतालों और स्वास्थ्य एजेंसियों के साथ समन्वय करेगा. भारत में हर साल सड़क दुर्घटनाओं के कारण लगभग 5 लाख लोगों की मृत्यु होती है, जबकि लगभग 4 लाख लोग गंभीर रूप से घायल हो जाते हैं. एक अध्ययन के अनुसार, इन घटनाओं में सबसे अधिक प्रभावित दो पहिया वाहन चालक और पैदल यात्री होते हैं।

योजना का दायरा

यह योजना सभी प्रकार की सड़क दुर्घटनाओं को शामिल करेगी, चाहे वे मोटर वाहनों से संबंधित हों या अन्य कारणों से हुई हों. इसके लिए सरकार ने देशभर में सरकारी और निजी अस्पतालों का एक व्यापक नेटवर्क स्थापित किया है. इन अस्पतालों को योजना के तहत पंजीकरण कराया जाएगा और वे कैशलेस उपचार प्रदान करने के लिए अधिकृत होंगे. उपचार का खर्च सरकार द्वारा वहन किया जाएगा, जिसके लिए एक पारदर्शी और डिजिटल प्रणाली विकसित की जा रही है।

सरल प्रक्रिया पर दिया जोर

योजना के अंतर्गत उपचार प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने पर जोर दिया गया है. इसके लिए एक ऑनलाइन पोर्टल और हेल्पलाइन नंबर की व्यवस्था की जाएगी, जिससे पीड़ित या उनके परिवार आवश्यक जानकारी प्राप्त कर सकेंगे. इसके अतिरिक्त, हादसे के तुरंत बाद पुलिस और आपातकालीन सेवाओं को अस्पतालों के साथ समन्वय स्थापित करने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा, ताकि घायलों को शीघ्र चिकित्सा सहायता मिल सके।

योजना का उद्देश्य और महत्व

भारत में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार, हर साल लाखों सड़क दुर्घटनाएं होती हैं, जिनमें हजारों लोग अपनी जान गंवाते हैं और कई अन्य गंभीर रूप से घायल होते हैं. अक्सर, समय पर चिकित्सा सहायता न मिलने के कारण पीड़ितों की स्थिति और बिगड़ जाती है. इस योजना का मुख्य उद्देश्य ‘गोल्डन आवर’ के दौरान, यानी हादसे के पहले एक घंटे में, पीड़ितों को त्वरित चिकित्सा सहायता प्रदान करना है, क्योंकि इस समय में दी गई चिकित्सा से जान बचाने की संभावना काफी बढ़ जाती है।

आर्थिक बोझ से मिलेगी राहत

यह योजना सड़क दुर्घटना के शिकार लोगों के लिए एक सामाजिक सुरक्षा कवच के रूप में कार्य करेगी. यह न केवल उनकी जान को बचाने में सहायक होगी, बल्कि उनके परिवारों पर पड़ने वाले आर्थिक दबाव को भी कम करेगी. विशेष रूप से ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए यह योजना महत्वपूर्ण है, हालांकि इसका लाभ सभी को मिलेगा, चाहे उनकी आर्थिक स्थिति, लिंग, धर्म या क्षेत्र कुछ भी हो

भविष्य की योजनाएं

मंत्रालय ने यह संकेत दिया है कि इस योजना को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए भविष्य में सुधार किए जा सकते हैं. इसमें अस्पतालों के नेटवर्क का विस्तार, डिजिटल तकनीक का बेहतर उपयोग, और जागरूकता अभियानों को शामिल किया जाएगा. सरकार का उद्देश्य है कि इस योजना को 2025 की शुरुआत से पूरे देश में लागू किया जाए, ताकि सड़क दुर्घटनाओं के पीड़ितों को समय पर और गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सेवाएं मिल सकें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!