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चार माह से अटकी परीक्षा संचालन की राशि, पामगढ़ बीईओ कार्यालय के बाबू बना रहे बाधा

देवेन्द्र यादव, रायपुर पामगढ़ :- जांजगीर-चांपा जिले के पामगढ़ विकासखंड में आयोजित कक्षा 5वीं एवं 8वीं की केन्द्रीयकृत परीक्षाओं के संचालन हेतु मार्च माह में जारी की गई राशि आज तक संबंधित केंद्राध्यक्षों और प्रधानपाठकों तक नहीं पहुंच पाई है। परीक्षा संचालन के लिए राज्य शासन द्वारा प्रति छात्र निर्धारित मानक अनुसार राशि पूर्व में डीईओ कार्यालय द्वारा बीईओ कार्यालय पामगढ़ को दे दी गई थी, किंतु बीईओ कार्यालय के बाबू द्वारा इस राशि को वितरित नहीं किया गया।

स्थानीय शैक्षिक समन्वयकों और संस्था प्रमुखों का आरोप है कि राशि वितरण में जानबूझकर देरी की जा रही है। परीक्षा संचालन जैसे महत्वपूर्ण कार्य में शिक्षकों ने समयबद्ध और नियमानुसार सेवाएं दी थीं, परंतु आज दिनांक तक उन्हें संचालन सामग्री हेतु निर्धारित राशि या समकक्ष सामान नहीं मिल पाया। इससे न केवल उनकी आर्थिक स्थिति प्रभावित हुई है, बल्कि भविष्य में इस प्रकार की जिम्मेदारी लेने के प्रति उनमें हिचकिचाहट भी बढ़ गई है।

समन्वयकों की प्रमुख माँगें:

  • अविलंब रोककर रखी गई राशि का वितरण किया जाए
  • देरी के लिए जिम्मेदार कर्मचारियों पर कार्रवाई हो
  • भविष्य में इस प्रकार की स्थिति न हो, इसके लिए स्पष्ट प्रक्रिया सुनिश्चित की जाए

बता दें कि परीक्षा संचालन के लिए प्रति छात्र 5वीं कक्षा के लिए ₹2 एवं 8वीं कक्षा के लिए ₹3 की दर से राशि जारी की गई थी। इस राशि से केंद्राध्यक्षों को परीक्षा संचालन सामग्री जैसे सिल, चपड़ा, मोमबत्ती, गोंद, पेन, पेपर, इंक पैड, रोल नंबर स्टिकर, टेप, माचिस, कपड़ा आदि की व्यवस्था करनी थी। लेकिन राशि न मिलने के कारण केंद्राध्यक्षों ने अपने निजी खर्च से इन आवश्यक सामग्रियों को खरीदकर परीक्षा का संचालन किया।

ब्लॉक एवं जिला शिक्षा अधिकारियों की प्रतिक्रिया:

टेकराम कुर्रे, ब्लॉक अध्यक्ष, संकुल शैक्षिक समन्वयक व्यासनगर ने बताया,

“पांचवीं-आठवीं के केंद्रीयकृत परीक्षा संचालन के लिए आज दिन तक राशि जारी नहीं की गई है। बीईओ कार्यालय के बाबू लगातार नजरअंदाज कर रहे हैं।”

मोहन कौशिक, बीईओ, पामगढ़ ने कहा,

“राशि वितरण के लिए संबंधित बाबू को कई बार निर्देशित किया गया है, फिर भी वितरण नहीं हुआ। अब उच्च कार्यालय को पत्र भेजकर कार्यवाही की अनुशंसा की जाएगी।”

अश्वनी कुमार भारद्वाज, डीईओ, जांजगीर-चांपा ने इस मामले को गंभीर बताते हुए कहा,

“हमारे कार्यालय से पामगढ़ बीईओ को नकद राशि परीक्षा पूर्व ही दे दी गई थी। फिर भी केंद्राध्यक्षों को राशि न मिलना गंभीर लापरवाही है। बीईओ से जवाब मांगा जाएगा।”

शिक्षकों को उनके समर्पण का उचित सम्मान न मिलना शिक्षा व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है। आवश्यकता है कि पामगढ़ बीईओ कार्यालय में जिम्मेदार कर्मचारियों की जवाबदेही तय की जाए और केंद्राध्यक्षों को लंबित राशि शीघ्र प्रदान की जाए ताकि भविष्य में परीक्षा संचालन निर्बाध रूप से संपन्न हो सके।

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