“शनैः पन्था, शनैः कन्था, शनैः पर्वत लंघनम्” – पूर्व कुलपति त्रिपाठी जी ने छात्रों को दिया धैर्य और लगन का संदेश

श्री महंत लाल दास कला एवं विज्ञान महाविद्यालय, शिवरीनारायण में हुआ भव्य सम्मान समारोह
शिवरीनारायण, 19 जुलाई 2025। महर्षि पाणिनि वैदिक संस्कृत विश्वविद्यालय, उज्जैन के पूर्व कुलपति प्रो. मिथिला प्रसाद त्रिपाठी का आगमन पवित्र तीर्थ शिवरीनारायण में हुआ। इस अवसर पर उन्होंने भगवान शिवरीनारायण का विधिवत दर्शन-पूजन किया एवं इसके पश्चात खरौद जाकर भगवान लक्ष्मणेश्वर महादेव का भी पूजन-अर्चन किया।
इसी क्रम में श्री महंत लाल दास कला एवं विज्ञान महाविद्यालय, शिवरीनारायण में एक सम्मान समारोह आयोजित किया गया। कार्यक्रम में उन्हें शाल व श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया गया। महामंडलेश्वर राजेश्री महंत रामसुंदर दास जी महाराज ने उन्हें अपनी तीन पुस्तकें — “श्रीराम संस्कृति की झलक”, “सुखद-सफल जीवन सूत्रम्” तथा “श्री दूधाधारी मठ: एक परिचय” भेंट कीं।
महाविद्यालय में उपस्थित छात्र-छात्राओं एवं शिक्षकों को संबोधित करते हुए त्रिपाठी जी ने कहा: “शनैः पन्था, शनैः कन्था, शनैः पर्वत लंघनम्।” अर्थात जीवन के मार्ग, विद्या व कठिनाइयाँ सभी को धीरे-धीरे पार किया जाता है। उन्होंने विद्यार्थियों को धैर्य, लगन एवं निरंतर अभ्यास के महत्व को समझाया और कहा कि “जो शब्द को जान गया, वह वाक्य को जान जाएगा, और जो वाक्य को जान गया, वह अर्थ को समझ जाएगा।”
कार्यक्रम में विशेष रूप से उपस्थित रायपुर के शासकीय दूधाधारी राजेश्री महंत वैष्णव दास संस्कृत महाविद्यालय के वेद विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष पं. रामकिशोर मिश्र ने विद्यार्थियों के पाँच लक्षण
“काकचेष्टा, बको ध्यानम्, श्वान निद्रा तथैव च। अल्पहारी, गृहत्यागी विद्यार्थी पंच लक्षणम्।” का उल्लेख करते हुए उनके महत्व को विस्तार से बताया। साथ ही उन्होंने वर्तमान समय में अपने माता-पिता के प्रति विद्यार्थियों के व्यवहार में आ रहे बदलावों पर भी चिंतन प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम में महामंडलेश्वर महंत रामसुंदर दास जी ने महाविद्यालय की स्थापना की स्मृतियों को साझा करते हुए कहा कि यह महाविद्यालय कभी 26 छात्र-छात्राओं के साथ आरंभ हुआ था, जो आज एक वटवृक्ष के रूप में शिक्षा का विस्तार कर रहा है। उन्होंने पूर्व कुलपति त्रिपाठी जी एवं मिश्र जी को महाविद्यालय आगमन हेतु आभार प्रकट किया।
कार्यक्रम का संचालन योगेश शर्मा ने किया एवं आभार प्रदर्शन पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष राघवेंद्र प्रताप सिंह ने किया।
इस अवसर पर विशेष रूप से उपस्थित गणमान्य नागरिकों में बृजेश केसरवानी, निरंजन लाल अग्रवाल, भागवत कथावाचिका सविता मिश्रा, सुबोध शुक्ला, उदयराम केंवट, सुखराम दास जी, प्राचार्य पटेल जी, कश्यप जी, मीडिया प्रभारी निर्मल दास वैष्णव, हर्ष दुबे सहित महाविद्यालय परिवार एवं नगर के अनेक विशिष्टजन सम्मिलित रहे।
यह समारोह न केवल एक सम्मान का अवसर रहा, बल्कि छात्रों के लिए प्रेरणा, दिशा और जीवनमूल्य सिखाने वाला महत्वपूर्ण आयोजन सिद्ध हुआ।