
पामगढ़, 8 अक्टूबर 25। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पामगढ़ की अव्यवस्था एक बार फिर चर्चा में है। सरकार की महत्वाकांक्षी योजना “प्रधानमंत्री जन औषधि केन्द्र” यहां उपेक्षा का शिकार हो गई है। केंद्र को अस्पताल परिसर के बाहर 20 बिस्तरों वाले अतिरिक्त भवन में संचालित किया जा रहा है, लेकिन वहां तक पहुंचने के लिए कोई पक्का रास्ता नहीं बनाया गया है।
मरीजों को दवा लेने के लिए कीचड़, गड्ढों और फिसलन भरे रास्तों से होकर गुजरना पड़ता है। बरसात में स्थिति और भी भयावह हो जाती है जगह-जगह पानी भर जाता है, जिससे बुजुर्ग, महिलाएं व बच्चे गिरकर घायल होने का जोखिम उठाते हैं।
वहीं दूसरी ओर, अस्पताल स्टाफ क्वार्टर तक पहुंचने के लिए मुरूम और गिट्टी डालकर बार-बार रास्ते को दुरुस्त किया जा रहा है। इससे लोगों में नाराजगी है कि जब अधिकारियों की सुविधा के लिए तुरंत व्यवस्था हो सकती है, तो मरीजों के लिए क्यों नहीं?
स्थानीय लोगों का आरोप है कि जानबूझकर जन औषधि केन्द्र को उपेक्षित रखा जा रहा है, ताकि निजी मेडिकल दुकानों को फायदा पहुंच सके। बाहर की महंगी दवाइयों के पर्चे लिखे जाने की शिकायतें भी लगातार सामने आ रही हैं।
इन हालातों के बीच खंड चिकित्सा अधिकारी (BMO) की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं क्या मरीजों की सुविधा से बढ़कर अधिकारियों की सुविधा है?