
रायपुर,15 अक्टूबर 2025। पामगढ़ विकासखण्ड के ग्राम डोंगाकोहरौद स्थित आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल एक बार फिर विवादों में है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में स्कूल के नाबालिग छात्र कक्षाओं की दीवारों की पोताई करते हुए नजर आ रहे हैं।
वीडियो में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि बच्चे दीवारों पर रंग-रोगन का काम कर रहे हैं, जबकि कुछ छात्र आसपास मजाक-मस्ती करते दिखाई दे रहे हैं। यह दृश्य गंभीर सवाल खड़ा करता है आखिर शिक्षकों और प्रबंधन की मौजूदगी में बच्चों से श्रम क्यों कराया जा रहा था?
सूत्रों के अनुसार, यह वीडियो कुछ दिन पुराना है, जब स्कूल परिसर में रंगाई-पुताई का कार्य चल रहा था। बताया जा रहा है कि स्कूल स्टाफ ने बच्चों को “सहायता” के नाम पर इस काम में लगा दिया। विशेषज्ञों का कहना है कि यह घटना बाल श्रम (निषेध एवं विनियमन) अधिनियम, 1986 का स्पष्ट उल्लंघन है।
इस मामले में जब जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) श्री अशोक सिन्हा से संपर्क किया गया, तो उन्होंने कहा “हमें इस वीडियो की जानकारी मिली है। मामले की जांच कराई जाएगी और जो भी जिम्मेदार पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
स्थानीय ग्रामीणों ने इस घटना को अत्यंत निंदनीय बताया है। उनका कहना है कि आत्मानंद स्कूलों की स्थापना गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए की गई थी, न कि छात्रों से श्रम करवाने के लिए। ग्रामीणों ने यह भी कहा कि बच्चों से इस प्रकार का कार्य करवाना न केवल शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE Act) का उल्लंघन है, बल्कि यह बच्चों के मानसिक और शैक्षणिक विकास पर भी नकारात्मक प्रभाव डालता है।
ग्रामीणों ने शिक्षा विभाग से शीघ्र कार्रवाई की मांग की है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।