छत्तीसगढ़जांजगीर-चांपा

बिर्रा थाना क्षेत्र बना पत्रकारों के लिए खतरनाक ज़ोन — करही में हत्या, करनौद में हमला और अब बिर्रा में झोलाछाप डॉक्टर ने पत्रकार को बंधक बनाकर की मारपीट

जांजगीर चांपा, 16 अक्टूबर 25।  बिर्रा थाना क्षेत्र एक बार फिर पत्रकारों पर बढ़ते हमलों को लेकर सुर्खियों में है। कुछ महीनों के भीतर यह तीसरी बड़ी घटना है, जिसने पूरे जिले में सनसनी फैला दी है। करही में पत्रकार की हत्या और करनौद में रेत माफिया द्वारा पत्रकार पर हुए जानलेवा हमले के बाद अब ग्राम बिर्रा में “द वाय डब्ल्यू एन न्यूज़” के पत्रकार को झोलाछाप डॉक्टर ने बंधक बनाकर मारपीट की है।

अवैध क्लिनिक की कवरेज करने पहुंचे थे पत्रकार जानकारी के अनुसार, गुरुवार की शाम पत्रकार बिर्रा क्षेत्र के झोलाछाप डॉक्टर पटेल के अवैध क्लिनिक की कवरेज करने पहुंचे थे। यह वही क्लिनिक है जिसे प्रशासन ने पहले ही सील कर दिया था, लेकिन आरोपी ने नियमों को ताक पर रखते हुए दोबारा से अवैध रूप से संचालन शुरू कर दिया था। जब पत्रकार वहां खबर कवरेज करने पहुंचे, तो आरोपी डॉक्टर भड़क गया और उसने पत्रकार को कमरे में बंधक बना लिया।

आरोप है कि डॉक्टर ने अपने सहयोगियों को बुलाकर पत्रकार के साथ जमकर मारपीट की, मोबाइल और कैमरा छीनने की कोशिश भी की गई। किसी तरह पत्रकार ने अपनी जान बचाने की कोशिश की और मामले की जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंची।

एसपी के हस्तक्षेप से बची पत्रकार की जान सूत्रों के मुताबिक, घटना की सूचना पुलिस अधीक्षक तक पहुंचने पर उन्होंने तत्काल बिर्रा थाना प्रभारी को मौके पर कार्रवाई के निर्देश दिए। पुलिस स्टाफ मौके पर पहुंचा और पत्रकार को झोलाछाप डॉक्टर के कब्जे से मुक्त कराया। पुलिस की मौजूदगी में हुई यह पूरी घटना पत्रकारों की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करती है।

लगातार हमलों से पत्रकारों में आक्रोश और दहशत बिर्रा थाना क्षेत्र में पत्रकारों पर लगातार हो रहे हमलों से मीडिया जगत में भारी आक्रोश है। करही में रेत कारोबार से जुड़ी खबर कवरेज करने गए पत्रकार की हत्या और करनौद में हुए हमले के बाद अब तीसरी घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि क्षेत्र पत्रकारों के लिए असुरक्षित हो चुका है।

पत्रकार संगठनों ने की कड़ी निंदा और कार्रवाई की मांग घटना के बाद पत्रकार संगठनों ने पुलिस प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी और सख्त कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि “पत्रकारों पर हमले लोकतंत्र की आवाज़ पर हमला हैं, इसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”

पत्रकार बोले — बिर्रा थाना क्षेत्र बन गया असुरक्षित जोन

स्थानीय पत्रकारों ने कहा कि बिर्रा थाना क्षेत्र अब पत्रकारों के लिए असुरक्षित क्षेत्र बन गया है। प्रशासनिक उदासीनता के कारण असामाजिक तत्वों के हौसले लगातार बुलंद हो रहे हैं।

लगातार हो रही इन घटनाओं ने साफ कर दिया है कि यदि पुलिस और प्रशासन ने ठोस कदम नहीं उठाए, तो आने वाले दिनों में पत्रकारों की सुरक्षा पर और बड़ा संकट खड़ा हो सकता है।

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