
ब्लाॅक अंतर्गत नगर से करीब 4 किलोमीटर दूर स्थित क्रांति जलाशय का गेट खोलकर पानी हरि नाला में बहाया जा रहा था। जिसके संबंध में खबर प्रकाशित कर प्रशासन को अवगत कराया गया। इसके बाद बुधवार की सुबह सिंचाई विभाग हरकत में आया।
सुबह जलाशय के गेट को बंद कर मिट्टी डालकर रिसाव वाली जगह पर पानी के बहाव को रोका गया। अब नहर में पानी नहीं बह रहा है। विभाग की लापरवाही के चलते महीने भर में भारी मात्रा में पानी व्यर्थ बह गया।
बताया जा रहा है कि गेट खराब हो गया है, जिसके कारण इसके गेट के पास बोरी में मिट्टी भरकर बांधा गया है। वहीं लाखों लीटर पानी बह जाने के बाद विभाग ने अभी तक किसी भी कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की है। यह बांध क्षेत्र का सबसे बड़ा बांध है।
हाल में ही राज्य सरकार ने क्रांति जलाशय सहित नहरों का रिमॉडलिंग, लाइनिंग और नवीन नहर विस्तारीकरण की मंजूरी दी है। राज्य शासन से इसके लिए 43.81 करोड़ रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति मिली है।
इन कार्य में पंडरिया ब्लॉक की हाफ नदी में व्यपवर्तन योजना का निर्माण कार्य, फीडर तथा रमतला जलाशय का शीर्ष कार्य, नहरों का रिमॉडलिंग कार्य, क्रांति जलाशय तथा देवसरा के नहरों का रिमॉडलिंग लाइनिंग तथा नवीन नहर विस्तारीकरण का कार्य शामिल है।
इस कार्य में 2 हजार 686 हेक्टेयर सिंचाई क्षमता प्रस्तावित है। इसमें आसपास के 17 गांव के हजारों किसानों को सीधा लाभ मिलेगा।



