अंधेरे से उजाले तक के साथी – जांजगीर में हॉकरों को मिला सम्मान, ईशिका लाइफ फाउंडेशन ने बाँटी स्नेह और मिठास

जांजगीर-चांपा, 22 अक्टूबर 25। सूरज की पहली किरण से पहले जब शहर अब भी नींद में होता है, तब नेताजी चौक पर कुछ कर्मयोगियों की यात्रा शुरू हो जाती है ये हैं वे गुमनाम नायक जो हर सुबह ज्ञान, सूचना और उम्मीद की रोशनी लेकर हमारे घरों तक पहुँचते हैं अख़बार वितरक हॉकर।
दीपावली के दिन इन्हीं कर्मवीरों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए ईशिका लाइफ फाउंडेशन ने एक विशेष सम्मान समारोह का आयोजन किया, जिसमें शहर के हॉकरों को उपहार और मिठाई भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया।
यह आयोजन केवल सामग्री वितरण नहीं, बल्कि उन लोगों को सम्मान देने का प्रयास था जो हर दिन हमारे जीवन में “जानकारी की सुबह” लेकर आते हैं।
फाउंडेशन ने संदेश दिया कि जिनके हाथों से हर घर में खबरें और उम्मीद पहुँचती हैं, उनकी सुबह भी उतनी ही मीठी होनी चाहिए।
कार्यक्रम के दौरान फाउंडेशन के संस्थापक गोपाल शर्मा ने कहा जब हम सब अपने बिस्तरों में आराम कर रहे होते हैं, तब ये लोग साइकिल और पैदल ही खबरों की गठरी लेकर निकल पड़ते हैं। इनका काम केवल अख़बार पहुँचाना नहीं, बल्कि समाज में जागरूकता और लोकतंत्र की नींव को मजबूत करना है।
इस भावनात्मक आयोजन में पचास से अधिक हॉकरों ने हिस्सा लिया। कई हॉकरों की आँखें नम हो गईं जब उन्हें पहली बार किसी संस्था ने उनके योगदान के लिए सम्मानित किया।
हॉकर अमित नामदेव, जो पिछले दस वर्षों से यह कार्य कर रहे हैं, ने कहा हमेशा यही लगता था कि हम बस एक डिलीवरी मैन हैं। आज पहली बार लगा कि हम भी समाज का एक ज़रूरी हिस्सा हैं। ईशिका फाउंडेशन का यह स्नेह हमें याद दिलाता है कि हमारी मेहनत व्यर्थ नहीं जाती। ये मिठाइयाँ हमारे संघर्ष का सम्मान हैं।
ईशिका लाइफ फाउंडेशन की इस पहल ने जांजगीर में एक नई सोच को जन्म दिया है उन अदृश्य श्रमिकों को पहचानने की, जिनकी मेहनत हर सुबह हमारे जीवन में उजाला भरती है।
नेताजी चौक की वह सुबह अख़बारों की स्याही की महक और मानवीय स्नेह की मिठास से लंबे समय तक याद रखी जाएगी।