मोदी कैबिनेट में फेरबदल से पहले जानिए किसका पत्ता कटेगा, किसकी होगी एंट्री?
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नई दिल्ली :- आज, 3 जुलाई को मोदी कैबिनेट की एक अहम बैठक बुलाई गई है। इस बैठक में मंत्रालय के फेरबदल पर आधिकारिक मुहर लग सकती है। इस कैबिनेट मीटिंग से पहले जानिए मोदी कैबिनेट से किसका पत्ता कटने और किसकी एंट्री होने की सम्भावना है।
मोदी कैबिनेट में फेरबदल से पहले जानिए किसका पत्ता कटेगा, किसकी होगी एंट्री?
2024 लोकसभा चुनाव से पहले मोदी कैबिनेट में बड़ा फेरबदल होने जा रहा है। यह फेरबदल इसी साल अलग-अलग राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के नजरिए से अहम है। इस साल के अंत तक मध्य प्रदेश, राजस्थान, छतीसगढ़ और तेलंगाना में विधानसभा चुनाव होना है। अगले साल लोकसभा का चुनाव होगा। इन चुनावों से पहले मोदी कैबिनेट में बड़े फेरबदल की चर्चाएं चल रही हैं। आज, 3 जुलाई को मोदी कैबिनेट की बैठक बुलाई गई है। इस बैठक में मंत्रालय के फेरबदल पर आधिकारिक मुहर लग सकती है। कैबिनेट में होने वाले बदलाव को लेकर दिल्ली का सियासी पारा हाई है। कमजोर प्रदर्शन वाले मंत्रियों पर तलवार लटक रही है। इस कैबिनेट मीटिंग से पहले जानिए मोदी कैबिनेट से किसका पत्ता कटेगा और किसकी एंट्री होगी?
किसी भी समय जारी हो रही नए मंत्रियों की लिस्ट
मोदी कैबिनेट में फेरबदल से पहले संभावित नामों पर चर्चा जारी है। सियासी गलियारों में चर्चा है कि आज होने वाली मीटिंग से पहले किसी भी समय मोदी कैबिनेट में नए मंत्री बनने वालों की लिस्ट जारी हो सकती है। मोदी कैबिनेट में आखिरी बदलाव 25 जून को हुआ था, तब कानून मंत्री किरेन रिजिजू का विभाग बदला गया था। किरेन रिजिजू की जगह अर्जुन मेघवाल को कानून मंत्री मंत्री बनाया गया था। उसी दिन कानून राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल का भी मंत्रालय बदला गया था।
इससे पहले बड़े स्तर पर आखिरी बार 2021 में मोदी कैबिनेट में फेरबदल हुआ था, तब 43 मंत्रियों ने शपथ ली थी। पिछले विस्तार में रविशंकर प्रसाद, हर्षवर्धन और प्रकाश जावेड़कर जैसे मंत्रियों को हटाया गया था। वहीं अनुराग ठाकुर, किरेन रिजीजू और पुरुषोत्तम रुपाला का प्रमोशन हुआ था।
मोदी कैबिनेट में फेरबदल की आशंका तेज क्यों
बीते कुछ महीनों में गुजरात, हिमाचल, कर्नाटक सहित नॉर्थ ईस्ट के तीन राज्यों का चुनाव हो चुका है। अब मध्य प्रदेश, राजस्थान, छतीसगढ़ और तेलंगाना में चुनाव होना है। मोदी कैबिनेट विस्तार की क्रोनोलॉजी देखें तो इसमें एक चीज साफ है, विस्तार के बाद जिन राज्यों में चुनाव होने होते हैं, वहां के नेताओं को तरजीह मिलती है। मंत्रिमंडल में फेरबदल कर बीजेपी आगे होने वाले राज्यों से ज्यादा चेहरे सरकार में शामिल कर सकती है। जिसका लाभ वो विधानसभा के साथ-साथ लोकसभा चुनाव में भी उठा सके।
सबसे पहले जानिए चुनाव वाले राज्यों का हाल
मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तसीगढ़ का मोदी कैबिनेट में स्थान
एमपी, राजस्थान और छत्तीसगढ़ हिंदीपट्टी के इन तीन बड़े राज्यों में इसी साल के अंत में चुनाव होना है। तीनों जगह चुनावी राजनीति तेज हो चली है। एमपी में अभी भाजपा तो छत्तीसगढ़ और राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है। तीनों ही राज्यों में भाजपा-कांग्रेस में मेन फाइट होती है। ऐसे में चुनाव पूर्व भाजपा इन राज्यों के सांसदों को कैबिनेट में शामिल करने के प्लान में है।
एमपी, राजस्थान और छत्तीसगढ़ से बीजेपी के पास 62 सांसद हैं। मौजूदा सरकार में इन तीनों राज्यों से 10 मंत्री कैबिनेट में शामिल हैं। सियासी गलियारों में चर्चा है कि इनमें से कमजोर प्रदर्शन करने वाले 1-2 का पत्ता कट सकता है। राजनीति के जानकारों की माने तो मोदी कैबिनेट के आगामी विस्तार में मध्य प्रदेश को 3, छत्तीसगढ़ को 2 और राजस्थान को 2 और मंत्री पद मिल सकता है।
मध्य प्रदेश से सुमेर सोलंकी, राकेश सिंह और रीती पाठक का नाम चर्चा में है। राजस्थान से रंजीता कोली, दीया कुमारी और किरोड़ी लाल मीणा रेस में है। बात छत्तीसगढ़ की करें तो यहां से विजय बघेल और सरोज पांडेय मंत्री को कैबिनेट में जगह दी जा सकती है। साथ ही इन तीनों राज्यों के कई सीनियर नेताओं को संगठन में भी एडजस्ट करने की भी चर्चा है।
अब बात तेलंगाना की, यहां भी इसी साल चुनाव
तेलंगाना में भी इसी साल के अंत में चुनाव होना है। यहां भारत राष्ट्र समिति (BRS) अभी सरकार में है। केसीआर से मुकाबले के लिए भाजपा पूरी ताकत लगा रही है। ऐसे में तेलंगाना से एक सांसद को मंत्री बनाए जाने की चर्चा है।
तेलंगाना से मंत्री बनने की रेस में सोयम बापू राव और धर्मपुरी अरविंद का नाम रेस में सबसे आगे है। तमिलनाडु से 2 मंत्री बनाए जा सकते हैं। तमिलनाडु में एनडीए की सहयोगी एआईएडीएमके को एक मंत्री पद दिया जा सकता है. एआईएडीएमके कोटे से एम थंबीदुरई मंत्री बनाए जा सकते हैं।