जांजगीर-चांपा

राष्ट्रीय फाईलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम अंतर्गत सामूहिक दवा सेवन तथा राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस गतिविधि 10 अगस्त से 21 अगस्त 2023 तक किया जाएगा आयोजित

कलेक्टर ने ली जिला समन्वय समिति की बैठक

जांजगीर-चांपा :- कलेक्टर सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी के अध्यक्षता में राष्ट्रीय फाईलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम अंतर्गत सामूहिक दवा सेवन तथा राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस गतिविधि 10 अगस्त से 21 अगस्त 2023 तक आयोजित करने हेतु जिला समन्वय समिति की बैठक आयोजित किया गया। बैठक में शिक्षा विभाग, महिला बाल विकास, पंचायत विभाग, समाज कल्याण विभाग, जिला मितानीन समन्व्य तथा स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी उपस्थित हुये। कलेक्टर ने शिक्षा विभाग, महिला बाल विकास, पंचायत विभाग,समाज कल्याण विभाग, जिला मितानीन समन्व्य तथा स्वास्थ्य विभाग से समन्वय कर शत् प्रतिशत दवा सेवन कराने हेतु निर्देश दिए हैं। कलेक्टर ने जिले के समस्त हितग्राहियों को दवा सेवन के दौरान डी.ई.सी. एवं एलबेन्डाजोल की दवा का सेवन हेतु अपील की गई है।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. स्वाति वंदना सिसोदिया ने बताया कि 10 अगस्त से 21 अगस्त 2023 तक प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय दिवस में स्कुल, आंगनबाडी, तकनीकी प्रशिक्षण संस्थान, महाविद्यालयों, सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रो में सामुहिक दवा सेवन कराया जायेगा तथा शेष दिवसों में स्वास्थ्य कार्यकर्ता, अंागनबाडी कार्यकर्ता एवं मितानिन द्वारा घर – घर जाकर एवं स्वस्थ्य केंद्रो में दवा सेवन कराया जायेगा। उन्होंने बताया कि हाथीपांव (फाइलेरिया) रोग क्युलेक्स मच्छरों के काटने से होता है। जब ये मच्छर हाथीपांव के रोगी को काटते है। तो इस बीमरी के रोगाणु मच्छर के पेट में जाकर पनपते है। यही मच्छर जब कुछ दिनों के बाद किसी स्वस्थ्य व्यक्ति को काटते हैं तो ये रोगाणु स्वस्थ व्यक्ति के लसिका ग्रंथि में पहुंच जाते है। और इस प्रकार हाथीपांव की बीमारी हो सकती है। यह बीमारी किसी को भी हो सकती है, इसके लक्षण मच्छर के काटने के कई महीने के बाद प्रगट होते है, इसमें ज्वर आता है तथा पांव या अंडकोष में सुजन आ जाती है क्योंकि इस बीमारी से काफी तकलीफ होती है, इसलिये इस बीमारी की रोकथाम हेतु सामुहिक दवा सेवन के दौरान दवा ली जानी आवश्यक है।

जिला नोडल अधिकारी डॉ. बी.एम.जागृति ने जानकारी देते हुए बताया कि क्युलेक्स मच्छर गन्दे पानी में पैदा होते है और पनपते हैं। अतः इस बीमारी की रोकथाम के लिए यह अत्यन्त आवश्यक है, कि गंदे पानी को जमा न होने दिया जाये और जहां-जहां इन मच्छरों के लार्वा पनप रहे हों वहां लार्वा नाशक दवा डालकर उनको नष्ट कर दिया जाये। यदि हाथीपांव के मच्छारों को पनपने नही दिया जायेगा तो यह बीमारी अन्य स्वस्थ व्यक्तियों को नही होगी। दवा का सेवन नास्ता या भोजन के बाद लेना आवश्यक है। कुछ लोगों को गोली से थोडी प्रतिक्रिया हो सकती है। यह प्रतिक्रिया सामान्यतः हल्का बुखार, उल्टी तथा सिर चकराने आदि जैसी अवस्थाओं तक ही सीमित होती है। जो की खाली पेट दवा खाने से तथा शरीर में कृमि की मात्रा अधिक से हो सकती है।

दवा सेवन के लिए 1979 दलों का किया गया है गठन जिले में दवा सेवन दलों 1979 गठन किया गया है। जिसमें 1029072 लक्षित जनसंख्या को डी.ई.सी. एवं एलबेन्डाजोल गोली का सेवन कराया जायेगा। दवा सेवन दल विकासखण्ड अकलतरा में 418, बलौदा 315, बम्हनीडीह 338, नवागढ़ 496, पामगढ़ 412, दल बनाया गया हैं। जिसमे कार्यक्रम के सुचारू रूप संचालन हेतु निरीक्षण के लिए 431 सुपरवाईजर, 48 सेक्टर सुपरवाईजर, विकासखण्डस्तर, जिलास्तर तथा राज्य स्तर पर दल गठित किया गया है। जिला स्तर में नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है जिसका नम्बर 9179623851 हैं।

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