रायपुर

तक्षशिला लाइब्रेरी में पढ़ने आने वाले युवाओं को चाय, नाश्ता व भोजन के लिए बाहर निकलने की जरुरत नहीं, स्वसहायता समूह की कैंटीन में है सब मौजूद  

संस्कृति स्वसहायता समूह चला रही कैंटीन, चिला, फरा, ठेठरी, खुरमी भी यहां उपलब्ध

लाइब्रेरी आए उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने भी लिया यहां के फरा-चटनी का स्वाद, सैंडविच के साथ चाय भी पी

रायपुर :- राजधानी रायपुर के तक्षशिला स्मार्ट रीडिंग जोन एवं लाइब्रेरी में पढ़ाई करने आने वाले युवाओं को चाय-कॉफी, नाश्ता और भोजन के लिए बाहर निकलने की जरूरत नहीं पड़ती। संस्कृति स्वसहायता समूह द्वारा यहां संचालित कैंटीन में सभी कुछ मौजूद है। मंगलवार को तक्षशिला लाइब्रेरी की व्यवस्था देखने आए उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने भी युवाओं से चर्चा करते यहां के फरा-चटनी, सैंडविच और कुल्हड़ में चाय का स्वाद लिया। उन्होंने इनके स्वाद की तारीफ भी की।

उप मुख्यमंत्री श्री साव ने तक्षशिला लाइब्रेरी की व्यवस्थाओं के साथ ही यहां स्वसहायता समूह द्वारा संचालित कैंटीन के इंतजाम का भी जायजा लिया। उन्होंने समूह की महिलाओं से चर्चा कर यहां बनाए जाने वाले व्यंजनों, उनकी बिक्री और आमदनी की जानकारी ली। रायपुर नगर निगम द्वारा दीनदयाल अंत्योदय योजना – राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (DAY-NULM) के तहत समूह को यहां कैंटीन के संचालन के लिए जगह उपलब्ध कराई गई है। इससे जहां स्थानीय महिलाओं को रोजगार मिल रहा है, वहीं लाइब्रेरी में पढ़ने आने वाले युवाओं को कम दरों पर चाय-कॉफी, नाश्ता और भोजन सुलभ हो रहा है।

उप मुख्यमंत्री श्री साव को संस्कृति स्वसहायता समूह की अध्यक्ष श्रीमती रोशनी सोनी ने बताया कि अप्रैल-2024 से समूह द्वारा तक्षशिला लाइब्रेरी में कैंटीन का संचालन किया जा रहा है। यहां चिला, फरा, ठेठरी, खुरमी जैसे छत्तीसगढ़ी व्यंजनों के साथ ही मैगी, सैंडविच, दाल, चांवल, रोटी इत्यादि बनाया जाता है। वे टिफिन सर्विस भी दे रही हैं। उन्होंने बताया कि सभी खर्चों की कटौती के बाद समूह को हर महीने 35-40 हजार रुपए की आमदनी हो रही है।

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