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दत्तक ग्रहण केंद्र में हैवानियत, महिला मैनेजर गिरफ्तार, महिला एवं बाल विकास अधिकारी सस्पेंड, बाल संरक्षण अधिकारी को नोटिस

कांकेर :- दत्तक ग्रहण केंद्र में बच्चियों को बेरहमी से पीटने वाली महिला मैनेजर को गिरफ्तार कर लिया गया है। जबकि महिला एवं बाल विकास अधिकारी को सस्पेंड कर दिया गया है। बाल संरक्षण अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी हुआ है।

छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में स्थित शिवनगर दत्तक ग्रहण केंद्र में मासूम बच्चों की पिटाई के मामले में आरोपी महिला सीमा द्विवेदी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। किशोर न्याय अधिनियम, और SC-ST एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। तत्कालीन महिला एवं बाल विकास अधिकारी चन्द्र शेखर मिश्रा को सस्पेंड किया गया है। बाल संरक्षण अधिकारी रीना लारिया को कारण बताओ नोटिस जारी हुआ है।

शिवनगर दत्तक ग्रहण केंद्र का एक वीडियो सामने सामने आया था। जिसमें यहां की प्रोग्राम मैनेजर सीमा द्विवेदी क्रूरता से मासूम बच्चियों को पीटती दिखाई दे रही है। वायरल वीडियो में महिला पहले एक बच्चे की पिटाई करती है, और फिर दूसरी बच्ची को भी पीटने लगती है। बताया जा रहा है ये घटना कुछ महीने पहले की है। जो वीडियो सामने आया है उसमे सीमा द्विवेदी ने बच्ची को पहले हाथ से मारा फिर बाल पकड़कर जमीन पर पटक दिया। जमीन पर गिरी बच्ची को दोबारा खड़ा किया और फिर बांह पकड़कर पलंग पर पटक दिया। बच्ची चीखती रही, चिल्लाती रही, रोने लगती है लेकिन मैनेजर को उसपर तरस आना तो दूर, उसकी और पिटाई करती रहती है। जब ये सब हो रहा था, उसी बीच एक दूसरी बच्ची वहां पहुंच गई तो मैनेजर महिला उसे पास बुलाकर सवाल जवाब करने लगती है। फिर बाल पकड़कर उसकी भी पिटाई शुरू कर देती है। बच्ची गिरती है तो उसे उठाकर पलंग पर लेटा कर पीटती है। इसके बाद भी मैनेजर का गुस्सा शांत नहीं होता है तो वह दोनों से गाली-गलौज करने लगती है। वहां से दो आया वहां से गुजरती हैं, लेकिन किसी की हिम्मत नहीं होती की बच्चों के साथ हो रही बर्बरता को रोक सके। दत्तक ग्रहण केंद्र में 6 साल तक के बच्चे रहते हैं, रात को यहां एक युवक भी आता है। सूत्रों की माने तो यहां के बच्चे महीनों से प्रताड़ना सह रहे हैं। इसका विरोध करने वाले 8 कर्मचारियों को एक साल के अंदर केंद्र से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।

शिकायत हुई लेकिन मामला दबा दिया गया

बताया जाता है कि इस मनमानी की शिकायत यहां की पूर्व महिला बाल विकास अधिकारी रहे सीएस मिश्रा तक भी पहुंची थी। लेकिन उन्होंने मामले की जांच कराने या कार्रवाई करने के बजाए 50 हजार रुपए लेकर मामला दबा दिया था। ये भी एक बड़ी वजह है कि यहां प्रताड़ना का दौर जारी है। बाहर किए गए कर्मचारी भी इसलिए चुप हैं कि, उन्हें झूठे मामलों में फंसाने के लिए इतना धमकाया गया कि बाहर आने के बाद भी वह जुबान बंद रखते हैं।

बच्चों के निवाले भी मैनेजर छीन रही है…

दत्तक ग्रहण केंद्र में कई सामाजिक संगठन इन बच्चों के लिए मिठाई, भोजन, फल, मेवा के अलावा नगदी देकर जाते हैं। शिकायत है कि इसका 50 प्रतिशत हिस्सा प्रोग्राम मैनेजर अपने पास रखती है। बचे हिस्से को रजिस्टर में दर्ज किया जाता है।

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