पामगढ़ के जी.एल.डी. हॉस्पिटल को सीएमएचओ का कारण बताओ नोटिस, नियमों के उल्लंघन का गंभीर आरोप…

जांजगीर-चांपा, 5 दिसम्बर 2025। जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) जांजगीर-चांपा द्वारा पामगढ़ स्थित जी.एल.डी. हॉस्पिटल के संचालक को नर्सिंग होम एक्ट एवं पीसीपीएनडीटी अधिनियम के प्रावधानों के उल्लंघन के आरोप में कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। स्वास्थ्य विभाग की इस कार्रवाई से जिले के निजी अस्पताल संचालकों में हड़कंप मच गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, उक्त अस्पताल का संचालन गोरेलाल डाहीरे द्वारा किया जा रहा है, जो वर्तमान में पदस्थ ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर (बीएमओ) के ससुर हैं। वहीं अस्पताल में कार्यरत चिकित्सकों में स्वयं पामगढ़ की बीएमओ डॉ. रश्मि डाहीरे एवं उनके पति डॉ. कमल कुमार डाहीरे का नाम भी शामिल है। डॉ. कमल वर्तमान में जशपुर जिले में शासकीय सेवा में पदस्थ हैं। इन पारिवारिक एवं प्रशासनिक संबद्धताओं को लेकर विभाग गंभीर रूप से सतर्क हो गया है।
स्वास्थ्य विभाग को आशंका है कि शासकीय स्वास्थ्य सेवाओं को प्रभावित कर मरीजों को निजी अस्पताल की ओर निर्देशित किया जा रहा है, जिससे नियमों का उल्लंघन होने की संभावना बन रही है।
विवादित मरीज मृत्यु प्रकरण से बढ़ी जांच की गंभीरता
पिछले माह अस्पताल में उपचार के दौरान एक मरीज की मृत्यु के बाद परिजनों द्वारा गंभीर आपत्ति दर्ज कराई गई थी, जिसके चलते अस्पताल परिसर में विवाद की स्थिति निर्मित हो गई थी। मौके पर प्रशासनिक हस्तक्षेप के बाद स्थिति नियंत्रित हुई थी। इस घटना के बाद अस्पताल की कार्यप्रणाली पर विभाग की निगरानी और सख्त हो गई।
पर्यवेक्षी चिकित्सक की जानकारी छुपाने का आरोप
सीएमएचओ कार्यालय द्वारा जारी नोटिस में उल्लेख किया गया है कि अस्पताल संचालन के आवेदन में डॉ. रश्मि डाहीरे को पर्यवेक्षी चिकित्सक दर्शाया गया था। आवेदन के समय वे शासकीय सेवा में नहीं थीं, किंतु वर्तमान में वे पुनः शासकीय पद पर पदस्थ होकर अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रही हैं। नियमों के अनुसार, पर्यवेक्षी चिकित्सक की सेवा स्थिति में कोई भी परिवर्तन होने पर उसकी तत्काल सूचना देना अनिवार्य होता है, जो आज दिनांक तक अस्पताल प्रबंधन द्वारा नहीं दी गई। इसे विभाग ने गंभीर लापरवाही माना है।
तीन दिन में जवाब नहीं देने पर कड़ी कार्रवाई
नोटिस में हॉस्पिटल संचालक को तीन दिवस के भीतर स्वयं उपस्थित होकर संतोषजनक स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं। चेतावनी दी गई है कि यदि जवाब संतोषजनक नहीं पाया गया, तो नर्सिंग होम एक्ट एवं पीसीपीएनडीटी अधिनियम के अंतर्गत कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी, जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी अस्पताल प्रबंधन की होगी।
इस नोटिस की प्रतिलिपि स्वास्थ्य सेवाएं रायपुर, कलेक्टर जांजगीर-चांपा सहित सभी संबंधित अधिकारियों को भेजी गई है, ताकि मामले की निगरानी उच्च स्तर पर भी सुनिश्चित हो सके।
बीएमओ की भूमिका पर भी अलग से जांच
सीएमएचओ डॉ. मरकाम ने स्पष्ट किया कि अस्पताल प्रबंधन द्वारा प्रस्तुत उत्तर की विधिवत समीक्षा की जाएगी। प्रारंभिक जांच में पामगढ़ बीएमओ की भूमिका में लापरवाही के संकेत मिले हैं, जिसकी जिम्मेदारी तय करने हेतु अलग से जांच प्रस्तावित की गई है। आगे की संपूर्ण कार्यवाही नियमों के अनुसार की जाएगी।




