पामगढ़

चैतन्य विज्ञान एवं कला महाविद्यालय में लगाया गया विशाल स्वैच्छिक रक्तदान शिविर, 60 विद्यार्थियों ने किया रक्तदान, इस शिविर में छात्राओं ने भी बढ़ चढ़ कर किया रक्तदान

पामगढ़ :- चैतन्य विज्ञान एवं कला महाविद्यालय पामगढ़ के राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा बालाजी चेरिटेबल ब्लड सेंटर के सहयोग से महाविद्यालय परिसर में एक दिवसीय रक्तदान शिविर का भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य के रूप महाविद्यालय के संचालक महोदय वीरेंद्र तिवारी, डॉ.(श्रीमती)गरिमा तिवारी, वरिष्ठ प्राध्यापक द्वय विवेक जोगलेकर, श्रीमती शुभदा जोगलेकर, अशोक सिंह यादव, डॉ.चेतना सराफ उपस्थित रहे।

महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ.व्ही.के. गुप्ता ऑन लाइन के माध्यम जुड़े।कार्यक्रम का संचालन करते हुए रासेयो के कार्यक्रम अधिकारी संजय बघेल ने बताया कि रक्तदान महादान के सूत्रवाक्य को लेकर महाविद्यालय में शिविर लगाया गया है रक्तदान के माध्यम से हम सिकलिन, थैलेसीमिया, कैंसर आदि असाध्य रोगों से पीड़ित बच्चों को रक्त उपलब्ध कराने का प्रयास कर रहे है। उन्होंने बताया कि इस शिविर में चैतन्य विज्ञान एवं कला महाविद्यालय के सहायक प्राध्यापकों तथा अधिकारी कर्मचारियों में से नंद डडसेना,सरोज बंजारे, राजेंद्र यादव, विनोद यादव विकास दिनकर,आदि ने स्वस्फूर्त रक्तदान कर छात्रों का हौसला बढ़ाया इसी तरह स्वयं सेवकों मेंप्रताप बनर्जी

दिकेश कुर्रे,मंजू कुमार यादव,,चंद्रशेखर दिनकर,निधि देवदास,नीलम कोसले सहित 60 छात्र – छात्राओं ने स्वस्फूर्त रक्तदान किया। मंचीय कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संस्था के प्राचार्य ने कहा कि

हुए रक्तदान शिविर के माध्यम से हम जीवनों को बचाने और देश के स्वास्थ्य प्रणाली को सुदृढ़ करने में अपना योगदान देते हैं। यह हमारी जिम्मेदारी है। रक्त प्रकृति एक अद्भुत उपहार है जिसे हम सबको साझा करना चाहिए। उन्होंने विद्यार्थियों से कार्यक्रम में सहयोग और रक्तदान करने का आग्रह किया। उन्होंने आगे कहा कि प्रत्येक स्वस्थ्य व्यक्ति को नियमित अंतराल पर रक्तदान करना चाहिए ताकि हम साथ में एक स्वस्थ और मजबूत समाज बना सकें। संस्था के संचालक श्री तिवारी ने अपने संबोधन में कहा कि समाज की भलाई के लिए रक्तदान सबसे उत्तम माध्यम है। रक्तदान के निस्वार्थ कार्य के माध्यम से हर दिन अनगिनत लोगों की जान बचाई जाती है। रक्तदानकर्ता यह सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं कि अस्पतालों और चिकित्सा सुविधाओं के पास जरूरतमंद लोगों को देखभाल और सहायता प्रदान करने के लिए आवश्यक संसाधन हों। उन्होंने स्वयं रक्तदान करते हुए विद्यार्थियों को प्रेरित किया। प्रोफेसर डॉ गरिमा तिवारी ने कार्यक्रम में अपने विचार रखते हुए कहा कि रक्तदान करने का कार्य न केवल पूर्णता और सामुदायिक योगदान की भावना प्रदान करता है बल्कि शरीर को ताजा, स्वस्थ रक्त कोशिकाओं का उत्पादन करने के लिए प्रेरित करके समग्र कल्याण को भी बढ़ावा देता है। यह एक सरल परंतु सर्वोत्तम प्रयास है जो सार्वजनिक स्वास्थ्य पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालता है। श्री जोगलेकर ने रक्तदान करने वाले विद्यार्थियों को वास्तविक नायक बताया । महाविद्यालय के संचालक वीरेंद्र तिवारी के द्वारा रक्तदाताओं को प्रमाण पत्र एवं उपहार देकर प्रोत्साहित व सम्मानित किया गया। शिविर में कुल 60 यूनिट रक्त संग्रहित किया गया। इस शिविर में 193 व्यक्तियों ने अपना रक्त परीक्षण भी कराया।कार्यक्रम में महाविद्यालयीन स्टाफ सहित बालाजी चेरिटेबल ब्लड सेंटर के डॉक्टर,नर्स स्टाफ आदि उपस्थित रहे। शिविर को सफल बनाने में रासेयो के कार्यक्रम अधिकारी संजय बघेल के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में रासेयो स्वयंसेवकों का विशेष योगदान रहा।

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