चैतन्य विज्ञान एवं कला महाविद्यालय के छात्रों ने बनाया हर्बल गुलाल, राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत स्वरोजगार व नवाचार को मिलेगा बढ़ावा
पामगढ़ :- चैतन्य विज्ञान एवं कला महाविद्यालय पामगढ़ के छात्र- छात्राओं के द्वारा देशी पारंपरिक ज्ञान को संरक्षित एवं संवर्धित करने, नवाचार, पर्यावरण संचेतना व स्वरोजगार को बढ़ावा देने तथा मानव स्वास्थ्य की संरक्षा के उद्देश्य से पलाश, हल्दी, चंदन, चुकंदर, पालक, गेंदा, अरारोट पाउडर, सिन्दूर एवं प्राकृतिक रंगों से मिलाकर हर्बल गुलाल तैयार किया गया है। उत्पादित गुलाल में उपयोग में लायी गई सभी वनस्पतियां महाविद्यालय के हर्बल गार्डन में उत्पादित की गई हैं। इससे पूर्व इस कार्य को समुचित रूप से संपादित करने के लिए महाविद्यालय के संचालक वीरेन्द्र तिवारी के दिशा निर्देश व गुरुघासीदास विश्वविद्यालय के वानिकी विभाग के प्राध्यापक डॉ. गरिमा तिवारी तथा महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. वी. के. गुप्ता के मार्गदर्शन में वनस्पति विभाग के सहा. प्राध्यापक नंद डडसेना के नेतृत्व में 5 दिवसीय विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया था। जिसमें महाविद्यालय के 52 छात्र-छात्राओं ने हर्बल गुलाल बनाने हेतु प्रशिक्षण प्राप्त किया। प्रशिक्षण में प्राकृतिक वनस्पतियों से मिलने वाली रंगों व गुणों का उपयोग कर हर्बल गुलाल का उत्पादित करने की विधियों से अवगत कराया गया।
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में भारतीय ज्ञान परंपरा एवं जीवन शैली को बल दिया गया है। इसी दिशा में कार्य करते हुए महाविद्यालय में संस्थागत नवाचार केन्द्र एवं भारतीय ज्ञान परंपरा केंद्र की स्थापना की गई है इसके अंतर्गत ही हबल गुलाल बनाने एवं समाज में इसके व्यापक प्रचार-प्रसार का कार्य किया जा रहा है। इसके तहत महाविद्यालय प्राध्यापक एवं छात्र-छात्राओ ने स्थानीय विधायक, विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी, स्थानीय थाना, जनपद पंचायत, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, अनुविभागीय अधिकारी (रा) एवं अनुविभागीय दंडाधिकारी तहसीलदार एवं कार्यपालक दंडाधिकारी से मिल कर उन्हे हर्बल गुलाल भेंट करते हुए होली की बधाई एवं शुभकामना दीं। सभी अधिकारियों एवं प्रभारियों ने इस पहल को सराहा एवं उज्जवल भविष्य को शुभकामनाऐं प्रेषित की। महाविद्यालय ने समस्त स्टाफ ने भी की शुभकामना देते हुए होली में हर्बल गुलाल क्रय करते हुए पर्यावरण हितैषी होली खेलने का संकल्प लिया।