रायपुर :- छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग अंतर्गत शिक्षकों को एक निश्चित अवसर से आगे बढ़ने पदोन्नति करने के निर्देश जारी किए है जिसके अंतर्गत छत्तीसगढ़ के सभी संभागों में शिक्षकों का पदोन्नति किया गया। इसी कड़ी में सयुंक्त संचालक शिक्षा संभाग बिलासपुर में भी पदोन्नति किया गया किंतु यहां सयुंक्त संचालक ने एक बाबू को सामने रखकर करोड़ो का खेल खेला।
मिली जानकारी के अनुसार कार्यालय के अधिकारी ने पदोन्नति को आय का अवसर बनाने के लिए पूरी रणनीति तैयार की जिसमे कुछ पत्रकार, कुछ शिक्षक नेता कुछ दलाल शिक्षक टाइप के लोगो के साथ कार्यालय के तीन छोटे बाबू कुछ छोटे अधिकारी के साथ साथ उच्च कार्यालय के अधिकारी भी शामिल है।
पूरा मामला में करोड़ो का खेल खेलकर अवैध धन की उगाही की गई है।
इसमे उच्च स्तरीय जांच की आवश्यकता है साथ ही यदि विभाग को अपनी छवि बचानी है तो पुनः नियमो की परिधि में रखकर रिक्त पदों को सार्वजनिक कर काउंसलिंग की प्रक्रिया को दोबारा करनी चाहिए।
आज की इस अंक में हम भ्र्ष्टाचार के शुरुवाती प्रक्रियाओं पर प्रश्न कर रहे है जिसमे निम्न बिंदु है जिसमे जांच करने से पूरा मामला सामने आएगा।
काउंसलिंग में दर्शित पदों पर ही पदोन्नति की गई या जहां रिक्त पद नही थे वहां भी पदोन्नति किया गया।
विकास खण्ड से प्राप्त रिक्त पदों पर पदोन्नति की गई है या संचालक ने अपनी मर्जी से पैसों के लेनदेन कर शिक्षकों को मनचाहे स्थानों में पदोन्नति दी है।
5000 लोगो की पदोन्नति में 600 से अधिक संसोधन की जरूरत कयव हुवी।
विकलांग एवम गंभीर बीमारी से ग्रसित लोगो को दूर स्थानों में पदोन्नति कयव दी गयी जबकि उनको प्राथमिकता देते हुवे पास के स्थानों में पदोन्नति दी जानी चाहिए।
तीन बार पदोन्नति प्राप्त शिक्षकों को जॉइनिंग के लिए समय क्यो बढ़ाया गया।
आगामी अंक में हम भ्र्ष्टाचार के इस भयंकर खेल का खुलासा करेंगे।