जम्मू कश्मीरदेश-विदेशनई दिल्लीश्रीनगर

जम्मू-कश्मीर में सर्वदलीय बैठक में पहलगाम हमले को लेकर निंदा प्रस्ताव पारित…

श्रीनगर, 24 अप्रैल 2025। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला द्वारा बृहस्पतिवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में पहलगाम में निर्दोष नागरिकों पर हुए ‘‘जघन्य और अमानवीय’’ हमले की कड़ी निंदा करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया गया।

अब्दुल्ला ने प्रस्ताव पढ़ते हुए अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों से पहलगाम हमले के मद्देनजर कश्मीरियों को किसी भी तरह के उत्पीड़न से बचाने की अपील की।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हम, जम्मू-कश्मीर की सर्वदलीय बैठक में शामिल लोग, 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में निर्दोष नागरिकों पर हुए बर्बर हमले से व्यथित होकर, सामूहिक एकजुटता की भावना से इस प्रस्ताव को अपनाते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम पहलगाम में हुए जघन्य, अमानवीय हमले की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं, जिसमें निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाया गया और उनकी हत्या की गई।’’

अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘शांतिपूर्ण नागरिकों के खिलाफ क्रूरता के ऐसे कायरतापूर्ण कृत्यों का समाज में कोई स्थान नहीं है और यह कश्मीरियत के मूल्यों और भारत की अवधारणा पर सीधा हमला है, जो लंबे समय से इस क्षेत्र में एकता, शांति और सद्भाव का प्रतीक रहे हैं।’’

अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू-कश्मीर की सभी पार्टियां इन अपराधियों को न्याय के दायरे में लाने के सभी प्रयासों का समर्थन करने की ‘‘अपनी प्रतिबद्धता पर अडिग’’ हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा करते हुए हम इस बात की पुष्टि करते हैं कि आतंकवाद का कोई भी कृत्य हमारे संकल्प को कमजोर नहीं कर सकता या हमारी अदम्य भावना को समाप्त नहीं कर सकता। हम केंद्र सरकार द्वारा कल घोषित कदमों का भी समर्थन करते हैं।’’

बैठक में उन परिवारों के प्रति ‘‘गहरी संवेदना’’ व्यक्त की गई जिन्होंने इस हमले का सामना किया है।

प्रस्ताव में ‘टट्टूवाला’ सैयद आदिल हुसैन शाह के बलिदान की भी सराहना की गई, जिन्होंने सशस्त्र आतंकवादियों के खिलाफ आवाज उठाई थी।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हम आपके दुख में शामिल हैं और इस गहरे दुख की घड़ी में आपके साथ खड़े हैं। हम सैयद आदिल हुसैन शाह के सर्वोच्च बलिदान को सलाम करते हैं, जिन्होंने पहलगाम में अपने घोड़े पर पर्यटकों को पहुंचाया था और पर्यटकों को बचाने के लिए आतंकवादियों से लड़ने के प्रयास में अपने प्राणों को न्योछावर कर दिया।’’

अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘उनकी वीरता और निस्वार्थता हमेशा सभी के लिए प्रेरणा बनी रहेगी। वह कश्मीरियत और कश्मीर आतिथ्य का सच्चा चेहरा हैं।’’

बैठक में, घाटी में सभी पर्यटकों को नैतिक और भौतिक समर्थन देने तथा हाल के हमले की निंदा करने में दृढ़ एकता दिखाने के लिए कश्मीर के लोगों की सराहना की गई।

अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘हम जम्मू-कश्मीर के सभी शहरों और गांवों में शांतिपूर्ण प्रदर्शनों की सराहना करते हैं, जो शांति, सांप्रदायिक सद्भाव और कानून के शासन के प्रति हमारी अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं तथा आपसी सम्मान को बढ़ावा देने, संवैधानिक मूल्यों को बनाए रखने और जम्मू-कश्मीर की समृद्धि तथा स्थिरता के लिए मिलकर काम करने के हमारे सामूहिक संकल्प की पुष्टि करते हैं।’’

प्रस्ताव में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों से आग्रह किया गया कि वे अपने घर से दूर रह रहे कश्मीरी छात्रों और नागरिकों की सुरक्षा के लिए दृढ़ प्रतिबद्धता के साथ आगे आएं।

इसमें कहा गया है, ‘‘इन व्यक्तियों को, चाहे वे जम्मू-कश्मीर से बाहर यात्रा कर रहे हों या रह रहे हों, किसी भी प्रकार के उत्पीड़न, भेदभाव या धमकी से बचाया जाना चाहिए।’’

बैठक में जम्मू-कश्मीर और देश के सभी राजनीतिक दलों, सामुदायिक नेताओं, धार्मिक संस्थाओं, युवा समूहों, नागरिक समाज संगठनों और मीडिया संगठनों से शांति बनाए रखने और क्षेत्र की शांति तथा विकास के लिए मिलकर काम करना जारी रखने का आह्वान किया गया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!