छत्तीसगढ़जांजगीर-चांपा

मोर गांव-मोर पानी महाभियान के अंतर्गत जनपद पंचायतों में क्लस्टरवार शुरू हुआ प्रशिक्षण

जल संरक्षण के लिए मैदानी अमले को किया गया जागरूक, दिलाई गई गांव का पानी गांव में रोकने की शपथ

जांजगीर-चांपा 03 जून 2025/ राज्य शासन के निर्देशानुसार जल संरक्षण और संवर्धन हेतु संचालित मोर गांव-मोर पानी महाभियान के अंतर्गत आज सोमवार को जनपद पंचायतों में क्लस्टरवार प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कलेक्टर श्री जन्मेजय महोबे के निर्देशन एवं जिला पंचायत सीईओ के मार्गदर्शन में जिले की जनपद पंचायतों में क्लस्टरवार प्रशिक्षण शुरू किया गया।

मोर गांव-मोर पानी महाभियान के तहत बलौदा, बम्हनीडीह में प्रथम क्लस्टर अंतर्गत सम्मिलित ग्राम पंचायतों के मैदानी अमले को अभियान की विस्तृत जानकारी प्रदान करने हेतु आयोजित किया गया। प्रशिक्षण में ग्राम पंचायतों के सरपंच, सचिव, रोजगार सहायक, विभिन्न विभागों के मैदानी कर्मचारी एवं बिहान योजना से जुड़ी ग्राम स्तरीय महिला संगठन की सदस्याएं बड़ी संख्या में उपस्थित रहीं। कार्यक्रम अधिकारी, तकनीकी सहायक ने प्रशिक्षण में प्रतिभागियों को बताया कि ग्राम स्तर पर जल स्रोतों की पहचान, उनका पुनरुद्धार, संरक्षण एवं वर्षा जल संग्रहण के उपायों की पहचान कर उनके बारे में ग्रामीणांे को जानकारी देकर उन्हें सक्रिय भूमिका के लिए प्रेरित करना है। नाला, तालाब, कुएं, बोरवेल आदि जल संरचनाओं की जनभागीदारी से सफाई एवं गहरीकरण करते हुए उन्हें और अधिक उपयोगी बनाया जाना है। मनरेगा एवं जल जीवन मिशन योजनाओं से जल संरक्षण कार्यों का समन्वय स्थापित करने पर जोर दिया गया।

इसके साथ ही जनभागीदारी को जोड़ने के लिए जल शपथ, रैली, दीवार लेखन और पौधारोपण गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। इस अभियान में बिहान की महिलाओं को विशेष रूप से जल संरक्षण में उनकी भागीदारी बढ़ाने के लिए प्रेरित किया गया। प्रशिक्षण के माध्यम से सभी विभागों से समन्वय कर साफ-सफाई, पौधारोपण एवं प्रचार-प्रसार में सक्रिय भागीदारी का आह्वान किया गया। मोर गांव मोर पानी केवल योजना नहीं बल्कि जनभागीदारी से जुड़ा जनआंदोलन है। जल संकट से बचाव हेतु बताया गया कि हमें आज से ही तैयारी करनी होगी। प्रशिक्षण में बताया गया कि ग्राम स्तर पर जल सुरक्षा योजना बनाना, जल संरचनाओं का चिन्हांकन और प्राथमिकता निर्धारण करना, मनरेगा एवं अभिसरण योजनाओं में जल कार्यों का समावेश करना, समुदाय में जल बचत संवेदनशीलता बढ़ाना है।

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