छत्तीसगढ़जांजगीर-चांपा

दीदी के गोठ रेडियो कार्यक्रम – महिला सशक्तिकरण की नई मिसाल

जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती सत्यलता आनंद मिरी ने नवनिर्मित संकुल भवन का किया लोकार्पण

दीदी के गोठ कार्यक्रम में जिले की अनिता ने बताई अपनी संघर्ष से सफलता की कहानी

     जांजगीर-चांपा, 09 अक्टूबर 2025/ छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत दीदी के गोठ कार्यक्रम का आयोजन जिले के गांव-गांव में हुआ। कार्यक्रम में ग्राम की दीदियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। जिसमें महिला स्व-सहायता समूहों की दीदियों ने “मेरी कहानी, मेरी जुबानी” के माध्यम से अपने अनुभव साझा किए। अकलतरा जनपद पंचायत ग्राम पंचायत कल्याणपुर में आयोजित दीदी के गोठ कार्यक्रम में जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती सत्यलता आनंद मिरी एवं जनपद पंचायत अकलतरा अध्यक्ष श्रीमती शकुन देव सिंह अघरिया ने नवनिर्मित संकुल भवन का लोकार्पण करते हुए सभी समूह की महिलाओं को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। जिला पंचायत अध्यक्ष ने कहा कि समूह के माध्यम से महिलाएं सशक्त और मजबूत बन रही है और इससे गांव के विकास के साथ ही जिले का भी विकास हो रहा है।

इसी तारतम्य में जनपद पंचायत अकलतरा के ग्राम पंचायत कल्याणपुर में दीदी के गोठ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम अभिलाषा महिला संकुल संगठन के नवनिर्मित संकुल भवन में संपन्न हुआ। इसके साथ ही पीआरपी दीदियों द्वारा प्रस्तुत गीत ने कार्यक्रम में उत्साह और ऊर्जा का संचार किया। दीदी के गोठ कार्यक्रम में ग्राम कल्याणपुर की महिलाओं में आत्मविश्वास, एकजुटता और आत्मनिर्भरता की नई भावना जागृत की। कार्यक्रम में जनपद पंचायत सीईओ सुश्री भावना साहू, एनआरएलएम के सभी कैडर, महिला समूह सदस्य एवं स्थानीय नागरिक, जनप्रतिनिधि अधिकारी कर्मचारी सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण महिलाएं उपस्थित रहीं। जिले में दीदी के गोठ कार्यक्रम का आयोजन कलेक्टर श्री जन्मेजय महोबे के निर्देशन एवं जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री गोकुल रावटे के मार्गदर्शन में आयोजित जा रहा है। कार्यक्रम में महिला स्व-सहायता समूहों की दीदियों ने “मेरी कहानी, मेरी जुबानी” के माध्यम से अपने अनुभव साझा किए, जिससे ग्रामीण क्षेत्र की प्रेरक कहानियाँ सबके सामने आईं।

दीदी के गोठ रेडिया कार्यक्रम में अनिता बाई कश्यप ने बताई अपनी आत्मनिर्भता की कहानी

जांजगीर के ग्राम पेण्ड्री की कोसा बुनकर दीदी श्रीमती अनिता बाई कश्यप ने दीदी के गोठ रेडियो कार्यक्रम में “मेरी कहानी, मेरी जुबानी” के माध्यम से बताया कि जीवन में जब कठिनाइयां आई और लगा कि परिवार को आर्थिक रूप से मजबूत बनाना है तो स्व सहायता समुह से जुड़कर कार्य करना प्रारंभ किया। उन्होंने बताया कि समूह के माध्यम से ऋण लेकर कोसा एवं धागाकरण का कार्य प्रारंभ किया। धीरे-धीरे यह कार्य बढ़ता गया और आज जिले ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर सरस मेला के माध्यम से कोसा एवं रेशम के कपड़े तैयार कर विक्रय कर स्वरोजगार से आमदनी अर्जित कर रही है।

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