आदिवासियों की मेहनत पानी में बही : प्रशासन से नहीं मिली मदद तो खुद से बनाया पुल, अब बारिश ने कर दिया निराश, आवागमन हुआ प्रभावित

कांकेर :- जिले के आदिवासी बहुल क्षेत्र अंजाड़ी गांव के ग्रामीणों की नाला में पुल निर्माण की मांग अनदेखी कर दी गई है. इससे निराश होकर ग्रामीणों ने अपने आवागमन के लिए एक काम चलाऊ पुलिया निर्माण किया था. जो इस बारिश में बह गया. हर साल बरसात के ठीक पहले आदिवासी यहां लकड़ी से पुलिया का निर्माण करते हैं. अब जब नाले से पुल बह गया है, ऐसे में ग्रामीणों का जीवन मुश्किल में है. क्योंकि अंजाड़ी गांव के आसपास के ग्रामीणों का इलाका टापू बन जाएगा. गांववालों ने पिछले कई वर्षों से शासन प्रशासन को अवगत कराया गया. फिर भी उनकी मांगो को नजरअंदाज किया गया
प्रदेश बनने के बाद भी अभी तक नहीं पहुंचा विकास
हर साल स्थाई पुलिया नहीं होने की वजह से गांव वालों को अस्थाई पुल का निर्माण करना पड़ता है. इसमें लकड़ी काटने से लेकर कई तरह की भारी मेहनत उन्हें करनी पड़ती है. उसके बाद भी प्रकृति के आगे गांववाले बेबस हो जाते हैं. छत्तीसगढ़ को बने 23 साल हो गया लेकिन आदिवासी क्षेत्रों में विकास नहीं पहुंची है