पामगढ़

महामाया उच्च.माध्य. विद्या.पामगढ़ में पूर्व विद्यार्थियों द्वारा स्नेह सम्मिलन एवं गुरु सम्मान समारोह का गरिमामय आयोजन

पामगढ़ :- माता महामाई की नगरी पामगढ़ में महामाया उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पामगढ़ के सन् 1980 एवं उसके बाद ओल्ड मैट्रिक (11th बोर्ड) उत्तीर्ण पूर्व विद्यार्थियों के द्वारा संस्था में *” पूर्व विद्यार्थी स्नेह सम्मिलन एवं गुरू सम्मान समारोह ~2023″* का भव्य एवं गरिमामय आयोजन भारी उत्साह के माहौल में 30 अप्रैल को संपन्न हुआ।समारोह में शामिल पूर्व विद्यार्थी 40 से अधिक वर्षों बाद एक दूसरे से मिलकर रोमांचित होते रहे।कार्यक्रम में अति विशिष्ट अतिथि के रूप में उस समय के गुरुजन आमंत्रित किए गए थे।रिमझिम बरसात के बीच संस्था के पूर्व अध्यापक सर्वश्री सी एस चौहान सर , एच.पी.खरे सर, एस.के. कश्यप सर,शंकर लाल पटेल सर, राजेन्द्र शर्मा सर,श्रीमती दुर्गेश्वरी शर्मा मैडम, संस्था की वर्तमान प्राचार्य श्रीमती एन जे एक्का मैडम का स्काउट गाइड दल के कलर पार्टी द्वारा बैंड धुन से स्वागत किया गया।पूर्व छात्र रामायण आदित्य(संयुक्त संचालक शिक्षा, बस्तर संभाग), मोहनलाल कौशिक व्याख्याता शा महामाया उ मा वि पामगढ़ एवम् सुरेश सिंह क्षत्रिय व्याख्याता तिलई ने गुरुजनों की अगवानी की।सम्मिलन में सहभागी पूर्व छात्र/छात्राओं ने मार्ग के दोनों ओर खड़े होकर पुष्प वर्षा करते हुए अपने गुरुजनों को मंचस्थ कराया।समारोह में पधारे समस्त गुरुजनों ने माता सरस्वती के तैलचित्र पर पुष्पार्पित एवं दीप प्रज्ज्वलित कर सम्मिलन समारोह का शुभारंभ किया।मंच पर पुष्पहार,तिलक लगाकर गुरुजनों का अभिनंदन किया गया।सरस्वती वंदना एवम गुरुवंदना अश्वनी तिवारी व्याख्याता खोखरी ने प्रस्तुत किया। स्वागत भाषण में रामायण आदित्य ने पुराने दिनों को याद करते हुए,अपने गुरुजनों के समर्पित भाव से अध्यापन,तात्कालिक संस्था प्रमुख व महामाया शिक्षण समिति के सहसंस्थापक स्व.आई. एल. चंद्र की दूरदर्शी सोच,अनुशासन में पक्के छवि को स्मरण करते हुए,संसाधनों की कमी के बावजूद अपने गुरुजनों द्वारा प्रदत्त उच्च स्तरीय शिक्षण व्यवस्था की भूरी भूरी प्रसंशा की।इसके पश्चात संस्था के पूर्व विद्यार्थियों के परिचय का सिलसिला प्रारंभ हुआ।
अध्ययन के समय जिनकी उम्र 15 से 18 साल के बीच रही होगी वे 57 की उम्र पार कर बुजुर्ग के रूप में अपना परिचय देने मंच पर आते तो वातावरण बड़ा रोमांचक हो जाता था। मंचस्थ गुरुजन भी अपने पढ़ाए विद्यार्थियों का परिचय पाकर अचंभित हो जाते।इस सम्मिलन में कोलकाता से पहुंचे महामाया के पूर्व छात्र आई स्पेशलिष्ट डॉक्टर शमीब्रत बनर्जी को अपने बीच पाकर सभी सह शालापाठी विद्यार्थियों साहित गुरूजन भी भावाविभूत हो गए।शमीब्रत ने संस्था के अपने संस्मरणों को मित्रों के साथ साझा किया। इसी तरह जबलपुर से आई अनिता वाणी ने अपनी विद्यार्थी जीवन का अनुभव साझा की इस अवसर पर पूर्व छात्र जया शर्मा ने अपनी स्वरचित कृति की प्रति अतिविशिष्ट अतिथियों को भेंट की।परिचय का कार्य पूर्ण होने के बाद गुरुजनों ने अपने सभी विद्यार्थियों को उनकी शानदार सफलताओं के लिए बधाई देते हुए उनके मंगलमय जीवन की कामना की और पूर्व विद्यार्थियों को आशीर्वाद दिया।भोजनोपरान्त गुरुजनों के उद्बोधन व आशीर्वचन पश्चात उन्हें शाल,श्रीफल,स्मृतिचिन्ह एवम् कलाई घड़ी समर्पित कर पूर्व छात्र ~ छात्राओं ने उनका आशीर्वाद लिया।गुरुजनों के साथ इन अनमोल क्षणों को संजोए रखने उनके साथ सामूहिक फोटोग्राफी के बाद उन्हें सानंद,सादर विदा किया गया।
सम्मिलन के द्वितीय सत्र में समस्त पूर्व छात्र/छात्राओं ने अपने समय के अध्ययन कक्षों का अवलोकन किया और पढ़ाई के दिनों की अनेक भूली बिसरी यादों को आपस में साझा किया।महामाया के हाल में उन्होंने अनेक मनोरंजक एवम ज्ञानवर्धक कार्यक्रमों का आनंद उठाया।सम्मिलन कार्यक्रम में पूर्व छात्राओं कुसुम तिवारी,रशीदा बेगम,अनिता वानी,जया शर्मा, स्वधा शर्मा,रश्मि छाबड़ा,सफिका खान, साबरा बेगम सहित सपरिवार पहुंचे पूर्व विद्यार्थियों के महिला परिजनों ने भी उत्साह पूर्वक हिस्सा लिया।
पूर्व विद्यार्थी स्नेह सम्मिलन एवम् गुरुसम्मान समारोह का पूरा आयोजन समस्त सह शालापाठी भाईयों,बहनों के समन्वित सहयोग से बड़ी शालीनता एवम् भव्यता से पूर्ण हुआ।कार्यक्रम में महामाया उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पामगढ़ के पूर्व छात्र सतीश साहू ,राजेंद्र सिंह गांधी,इशहाक मोहम्मद,मुखीराम निषाद , पुरुषोत्तम कौशिक प्राचार्य,शनेश्वर थवाईत, डॉक्टर शब्बीर मोहम्मद ,दिलीप थवाईत,मोहन खत्री, दादूराम रात्रे,,विनोद सिंह क्षत्रिय ,अरविंद शर्मा,प्रेम खरे ,तेरसराम यादव सरपंच ग्राम पंचायत पामगढ़, डी. सी दिनकर,जी.सी.भारद्वाज , सैयद आसिफ़ अली,रघुनाथ सिंह राठौर, सोनाराम साहू अरविन्द सिंह,जितेंद्र शर्मा,माखनलाल राज ,कमोद कुमार साहू ,नरेंद्र शर्मा , अश्विनी गिरी गोस्वामी, जमील अहमद, आई एस जोगी ,राजेश सिंह गांधी,राजकपूर साहू,रामशंकर चौहान ,जनक श्रीवास,संतराम साहू, जे पी बघेल गोपाल साहू सुशील साहू रमेश साहू विनोद नोर्गे हरीश राठौर चंद्रशेखर कश्यप सदानंद कश्यप आदि शामिल हुए।कार्यक्रम का समापन जया,स्वधा बहनों की मधुर गीतों से हुआ। संपूर्ण कार्यक्रम का संयोजन मोहन कौशिक एवं कार्यक्रम का संचालन सुरेश सिंह क्षत्रिय एवम् पुरुषोत्तम कौशिक ने किया।

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