छत्तीसगढ़जांजगीर-चांपा

ग्राफ्टेड बैगन ने बदली किसान श्री संजय कुमार सिंह की किस्मत, एक एकड़ में हो रही लाखों की आमदनी

उद्यानिकी फसल अपनाकर कृषक की आय में उल्लेखनीय वृद्धि

कृषि विविधीकरण का सफल उदाहरण: ग्राफ्टेड बैगन की खेती

 जांजगीर-चांपा 19 दिसम्बर 2025/ विकासखण्ड पामगढ़ के ग्राम बिलारी के कृषक श्री संजय कुमार सिंह, पिता श्री जगदीश सिंह ने परंपरागत धान की खेती से हटकर उद्यानिकी फसल ग्राफ्टेड बैगन को अपनाकर उल्लेखनीय सफलता प्राप्त की है। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत विभागीय तकनीकी मार्गदर्शन एवं सहयोग से उन्होंने वर्ष 2020-21 में ग्राफ्टेड बैगन की खेती की शुरुआत की थी, जिसके लिए उन्हें 3000 रूपए का अनुदान भी प्राप्त हुआ। वैज्ञानिक पद्धति से की गई खेती के परिणामस्वरूप उनकी आय में निरंतर वृद्धि दर्ज की गई है।

वर्ष 2024-25 में श्री संजय कुमार सिंह द्वारा मात्र 01 एकड़ क्षेत्र में ग्राफ्टेड बैगन की खेती से लगभग 250 क्विंटल उत्पादन प्राप्त किया गया, जिससे 3,75,000 रूपए की आय हुई। सभी प्रकार की लागत घटाने के पश्चात उन्हें लगभग 2,95,000 की शुद्ध आय प्राप्त हुई, जो परंपरागत धान की खेती की तुलना में कई गुना अधिक है। धान की खेती में जहां उन्हें लगभग 21 क्विंटल उत्पादन एवं 25,600 रूपए की सीमित बचत होती थी, वहीं ग्राफ्टेड बैगन की खेती से उन्हें अधिक उत्पादन, बेहतर बाजार मूल्य एवं स्थायी लाभ प्राप्त हो रहा है।

कृषक श्री संजय कुमार सिंह की इस सफलता से प्रभावित होकर क्षेत्र के अन्य कृषक भी उद्यानिकी फसलों की ओर अग्रसर हो रहे हैं। विभागीय मार्गदर्शन, उन्नत पौध सामग्री एवं वैज्ञानिक खेती पद्धति के माध्यम से क्षेत्र में कृषि विविधीकरण को बढ़ावा मिल रहा है। वर्तमान में वर्ष 2025-26 में भी श्री संजय कुमार सिंह द्वारा 01 एकड़ क्षेत्र में ग्राफ्टेड बैगन की फसल ली जा रही है, जिससे भविष्य में उनकी आय में और अधिक वृद्धि होगी।

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