झोलाछाप डाक्टर कर रहा सरकारी दवाइयों से मरीजों का इलाज
विजय यादव जांजगीर चाम्पा :- ग्राम पंचायत पकरिया के आश्रित ग्राम नवागांव में मरीजों की बीमारियों को दूर करने के नाम पर झोलाछाप डाक्टर उनकी जान से खिलवाड़ कर रहा है। सबसे अहम बात तो यह है कि झोलाछाप डाक्टर इलाज में जिस दवाई का उपयोग कर रहा है वह सरकारी दवाई है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि सरकारी अस्पतालों में सप्लाई होने कली दवाईयां झोलाछाप डाक्टर के पास बड़ी मात्रा में कैसी पहुंची। इसमें विभाग के किसी कर्मचारी की संलिप्तता से इंकार नहीं किया जा सकता है। मामले का पता तब चला जब एक बालक बीमार हुआ तो झोलाछाप डाक्टर ने उसके घर पहुंचकर इलाज किया और सरकारी दवाई का उपयोग किया बार-बार बदल रहे मौसम ने लोगों को बीमार करना शुरू कर दिया है। ऐसे में लोग इलाज कराने के लिए सरकारी अस्पताल न जाकर गांव में ही झोलाछाप डाक्टरों से उपचार करा रहे हैं।
ग्राम पंचायत पकरिया के आश्रित ग्राम नवागांव में झोलाछाप डाक्टर मैनेजर प्रधान के द्वारा भी गांव के घर घर में जा कर लोगों का इलाज किया जा रहा है। मगर वह घर में जा कर मरीजों को बाटल और इंजेक्शन जी लगा रहा है वह सीजीएमएससी के द्वारा अस्पतालों में सप्लाई किया जाना वाला सरकारी दवाई है। ग्राम नवारापारा निवासी 17 वर्षीय सुनील साहू पिता मनोहर कुमार साह, माता बृहस्पति साहू की तबीयत 19 नवंबर को खराब हो गई थी ती उसने गांव के ही झोलाछाप डाक्टर मैनेजर प्रधान को इलाज कराने के लिए बुलाया। जिस पर 20 नवंबर को डाक्टर मैनेजर प्रधान ने उसके घर जाकर उपचार किया।
मरीज को उन्होंने एनएस की दो बाटल और पांच विभिन्न प्रकार के इंजेक्शन लगाएं। जिसमें स्पष्ट रूप से छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा सप्लाई और नाट फार सेल लिखा हुआ था। जब इस बात की जानकारी नईदुनिया प्रतिनिधि को हुई तो उन्होंने डाक्टर से सरकारी दवाइयों के चारे में पूछा तो उसने सामुदायिक स्वास्थ्य अकलतरा से लाने की बात कही।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की निष्क्रियता
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की निष्क्रियता के चलते झोलाछाप डाक्टर बेखौफ होकर लोगों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के द्वारा कार्रवाई नहीं किए जाने से इनके हौसले बुलंद है। विगत दिनों अभियान चलाकर झोलाछाप डाक्टरों के क्लीनिक और पैथोलैब संचालकों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी, जिसके बाद संचालकों में हडकंप मचा था। लेकिन स्वास्थ्य विभाग के डील-ढाल रवैये से एक बार फिर इनके द्वारा बेखौफ होकर लोगों का इलाज किया जा रहा है। इनके गलत इलाज की वजह से कई लोगों की जान जा चुकी है जिले में कई ऐसे प्रकरण सामने आ चुके हैं इसके बावजूद कार्रवाई को लेकर स्वास्थ्य विभाग की ओर से उदासीनता बरती जा रही है।
प्रशासन भी नहीं ले रहा सुध
झोलाछाप डाक्टरों पर कार्रवाई को लेकर जिला प्रशासन भी सुध नहीं ले रहा है। वर्तमान में आमजनों के स्वास्थ्य को लेकर प्रशासन के द्वारा भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जिसके कारण झोलाछाप डाक्टर फर्जी डिग्री का सहारा लेकर लोगों का इलाज कर रहे है और मोटी रकम वसूल रहे हैं। इससे उनको कोई फर्क नहीं पड़ता कि उनके द्वारा दी जा रही है दवा से लोगों के स्वास्थ्य पर क्या असर पड़ेगा, उन्हें तो सिर्फ कमाई से मतलब रहता है। झोलाछाप डाक्टर लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ करने में जरा भी परहेज नहीं करते हैं।
एक छात्र की तबीयत काफी खराब होने के कारण उसके घर जाकर बाटल और इंजेक्शन लगाया हूं जो सरकारी अस्पतालों में सप्लाई होने वाली सरकारी दवाई है। दवाईयों को अकलतरा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से लाया था।
मैनेजर प्रधान, झोलाछाप डाक्टर, ग्राम नवापारा पकरिया।
अस्पताल की दवाई बाहर में मिलना गंभीर लापरवाही है। अगर किसी स्टाप से साठ गांठ करके उसे मिला होगा तो कार्रवाई की जाएगी। हो सकता है झोलाछाप डाक्टर के द्वारा दवाई कही पामगढ़ से तो नहीं लिया गया है। बेच नंबर से जांच करने पर पता चल जाएगा।
महेंद्र सोनी, बीएमओ, अकलतरा।