
संविधान प्रदत्त अधिकारों की मांग को लेकर चेतावनी: यदि ठोस कार्यवाही नहीं हुई तो होगा राज्यव्यापी अनिश्चितकालीन आंदोलन
बिलासपुर महेंद्र सिंह राय :- इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय (आईजीकेवी), रायपुर में तकनीकी कर्मचारी संघ (TSA) के नेतृत्व में कृषि विज्ञान केंद्रों (KVK) से जुड़े प्रदेशभर के अधिकारी व कर्मचारी मंगलवार को एकजुट होकर विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए। सड़क पर पैदल मार्च कर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शनकारियों ने विश्वविद्यालय प्रशासनिक भवन का घेराव किया और कुलपति कक्ष के समक्ष घंटों भूखे-प्यासे बैठकर न्याय की गुहार लगाई।
प्रदर्शनकारियों ने विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा वर्षों से लंबित संवैधानिक और सेवा-संबंधी अधिकारों की अनदेखी के खिलाफ कड़ा विरोध दर्ज कराते हुए कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल को 7 सूत्रीय मांगपत्र सौंपा। संघ के पदाधिकारियों ने चेतावनी दी कि यदि कल तक उनकी मांगों पर ठोस कार्यवाही नहीं हुई, तो वे संविधान के तहत राज्यव्यापी, चरणबद्ध एवं लोकतांत्रिक अनिश्चितकालीन कामबंदी हड़ताल की घोषणा करने के लिए बाध्य होंगे।
प्रमुख मांगें –
1. सेवा शर्तों एवं वेतनमान की विश्वविद्यालय समतुल्यता की बहाली
2. एनपीएस/ओपीएस का पुनः क्रियान्वयन
3. मेडिकल एवं अन्य भत्तों की पुनर्बहाली
4. सीएएस/उच्च वेतनमान योजनाओं की पुनः स्थापना
5. सेवा-निवृत्ति आयु 65 (तकनीकी) / 62 (गैर-तकनीकी) वर्ष सुनिश्चित करना
6. पेंशन, ग्रेच्युटी एवं अन्य सेवानिवृत्ति लाभों की गारंटी
7. जब तक समस्याओं का निराकरण न हो, अस्थायी नियुक्तियों की प्रक्रिया पर रोक
प्रदर्शन की प्रमुख बातें – भूख हड़ताल जैसा दृश्य: प्रदर्शन के दौरान केवीके अधिकारी व कर्मचारी कुलपति कक्ष के बाहर भूखे-प्यासे घंटों बैठे रहे।
भेदभाव का आरोप: कर्मचारियों ने सवाल उठाया – “जब हम आईजीकेवी के अधीन कार्यरत हैं, तो आईसीएआर के अधीन कैसे हुए?”
कंट्रोलर पर आरोप: प्रदर्शनकारियों ने विश्वविद्यालय के कंट्रोलर उमेश अग्रवाल पर पक्षपात और मनमानी का आरोप लगाते हुए “कंट्रोलर हटाओ, आईजीकेवी बचाओ” के नारे लगाए।
वेतन विसंगति का मुद्दा: सूत्रों के अनुसार, पिछले 8 महीने से वेतन भुगतान नहीं हुआ, और हाल ही में जबरन कम वेतन देकर कर्मचारियों के अधिकारों का हनन किया गया।
संघ का स्पष्ट संदेश:
तकनीकी कर्मचारी संघ के अध्यक्ष डॉ. पी.के. सांगोड़े ने कहा, “हमने बार-बार संवाद और ज्ञापनों के माध्यम से अपनी समस्याएं रखीं, लेकिन हर बार नजरअंदाज किया गया। अब हमारे पास आंदोलन के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है।”
संघ के उपाध्यक्ष डॉ. ईश्वरी साहू ने कहा, “हम केवल सुविधाएं नहीं, बल्कि अपने संवैधानिक अधिकारों की पुनः स्थापना की लड़ाई लड़ रहे हैं।” वहीं, डॉ. गजेंद्र चंद्राकर ने विश्वविद्यालय अधिनियम का हवाला देते हुए सेवा-निवृत्ति आयु निर्धारण में हो रहे उल्लंघनों को अवैधानिक करार दिया।
कुलपति की प्रतिक्रिया :
कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल ने आंदोलनकारियों से विस्तृत चर्चा करते हुए आश्वस्त किया कि कल तक विश्वविद्यालय प्रशासन मांगों पर सकारात्मक कार्यवाही का संमत पत्र जारी करेगा। हालांकि संघ ने यह स्पष्ट कर दिया कि यदि यह आश्वासन सिर्फ औपचारिकता साबित हुआ, तो समस्त केवीके व टीएसए कर्मचारी अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू करेंगे, जिसकी सम्पूर्ण नैतिक, विधिक एवं शैक्षणिक जिम्मेदारी विश्वविद्यालय प्रशासन की होगी।