कलेक्टर ने जिले में संचालित शालाओं और शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण के संबंध में ली बैठक

शिक्षा के अधिकार अधिनियम और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के दिशा-निर्देशों के अनुरूप होगा युक्तियुक्तकरण
युक्तियुक्तकरण से न तो स्कूल बंद होंगे और न ही पद समाप्त होंगे
शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने युक्तियुक्तकरण जरूरी
जांजगीर-चांपा 23 मई 2025/ कलेक्टर श्री जन्मेजय महोबे ने कलेक्टोरेट सभाकक्ष में जिले में संचालित शालाओं और शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण के संबंध में बैठक ली। कलेक्टर ने कहा कि प्रदेश की स्कूली शिक्षा व्यवस्था को अधिक सशक्त, संतुलित और गुणवत्तापूर्ण बनाने के उद्देश्य से शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण किए जाने की पहल की है। जिससे शिक्षक, संसाधनों का अधिकतम और समान उपयोग सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने पारदर्शिता के साथ युक्तियुक्तकरण करने कहा है। विकासखंड स्तरीय समिति से प्राप्त प्रस्तावो के स्क्रूटनी के संबंध में 28 मई को जिला स्तरीय समिति की बैठक आयोजित होगी। इस अवसर पर जिला शिक्षा अधिकारी श्री अश्वनी भारद्वाज, डीएमसी श्री आर के तिवारी सहित संबंधित अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे।
जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया है कि युक्तियुक्तकरण से न तो किसी स्कूल को बंद किया जा रहा है, न ही शिक्षकों के पद समाप्त किए जा रहे हैं। युक्तियुक्तकरण की यह प्रक्रिया पूरी तरह शिक्षा के अधिकार अधिनियम और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के दिशानिर्देशों के अनुरूप है, जिसका उद्देश्य स्कूलों में शिक्षकों की न्यायसंगत ढंग से उपलब्धता सुनिश्चित करना है। इससे कोई विद्यालय बंद नहीं होगा, और न ही किसी प्रधान पाठक का पद समाप्त किया जाएगा। इसका उद्देश्य केवल संसाधनों और प्रशासनिक संरचना को बेहतर बनाना है।
*युक्तियुक्तकरण के क्या होंगे फायदे*
जिन स्कूलों में ज्यादा शिक्षक हैं लेकिन छात्र नहीं, वहां से शिक्षकों को उन स्कूलों में भेजा जाएगा जहां शिक्षक नहीं हैं। इससे शिक्षक विहीन और एकल शिक्षक वाले स्कूलों की समस्या दूर होगी और संसाधनों का बेहतर उपयोग हो सकेगा। एक ही परिसर में ज्यादा कक्षाएं और सुविधाएं मिलने से बच्चों को बार-बार एडमिशन लेने की जरूरत नहीं होगी। यानी एक ही परिसर में संचालित प्राथमिक, माध्यमिक, हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूल संचालित होंगे तो प्राथमिक कक्षाएं पास करने के बाद विद्यार्थियों को आगे की कक्षाओं में एडमिशन कराने की प्रक्रिया से छुटकारा मिल जाएगा। इससे बच्चों को पढ़ाई में निरंतरता बनी रहेगी। बच्चों के स्कूल छोड़ने की दर (ड्रॉपआउट रेट) भी घटेगी। अच्छी बिल्डिंग, लैब, लाइब्रेरी जैसी सुविधाएं एक ही जगह देना आसान होगा।
युक्तियुक्तकरण का निर्णय बच्चों के हित में और शिक्षकों की बेहतर तैनाती के लिए लिया जा रहा है। छत्तीसगढ़ सरकार की यह पहल राज्य की शिक्षा व्यवस्था को ज्यादा सशक्त और संतुलित बनाएगी। युक्तियुक्तकरण से न सिर्फ शिक्षकों का समुचित उपयोग होगा, बल्कि बच्चों को बेहतर और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा भी मिल सकेगी।