पामगढ़ अस्पताल के डॉक्टर पर गंभीर आरोप पोस्टमार्टम के लिए 4 हजार और रिपोर्ट के लिए मांगे 5 हजार रुपये

भिलौनी स्कूल के लिपिक की आत्महत्या मामले में भ्रष्टाचार का आरोप, डॉक्टर बोले मैंने कोई पैसे नहीं मांगे
पामगढ़, 11 अक्टूबर 25। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पामगढ़ में पदस्थ चिकित्सक पर गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। मृतक के परिजनों का आरोप है कि पोस्टमार्टम के दौरान ₹4,000 रुपये लिए गए और अब रिपोर्ट देने के नाम पर डॉक्टर द्वारा ₹5,000 की मांग की जा रही है। वहीं, संबंधित डॉक्टर ने इन आरोपों को पूरी तरह निराधार बताया है।
भिलौनी स्कूल के लिपिक की आत्महत्या से जुड़ा मामला
जानकारी के अनुसार, लगभग एक माह पूर्व शासकीय विद्यालय भिलौनी में पदस्थ लिपिक रवि अंबेडारे ने चंडीपारा स्थित अपने किराये के मकान में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। पुलिस ने शव को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पामगढ़ भेजा, जहाँ डॉ. लक्की सोनी द्वारा पोस्टमार्टम किया गया।
पोस्टमार्टम के करीब एक माह बाद भी रिपोर्ट न मिलने पर मृतक की पत्नी श्रीमती शिल्पा अंबेडारे ने अस्पताल जाकर रिपोर्ट की मांग की। डॉक्टर से मुलाकात न होने पर उन्होंने फोन पर संपर्क किया। आरोप है कि डॉक्टर ने पहले टालमटोल किया और बाद में ₹5,000 रुपये रिपोर्ट देने के लिए मांगे।
पीड़िता ने बताया हम मजबूरी में पैसे देने को तैयार हुए, तब डॉक्टर ने कहा कि रिपोर्ट गुम हो गई है।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बिना नहीं बन रहा मृत्यु प्रमाण पत्र
मृतक का परिवार महाराष्ट्र के भंडारा जिले के साकुली गांव का निवासी है। अंतिम संस्कार के बाद जब मृतक की पत्नी ने चंडीपारा सरपंच से मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने का अनुरोध किया, तो बताया गया कि बिना पोस्टमार्टम रिपोर्ट के प्रमाण पत्र जारी नहीं किया जा सकता।
थाना पामगढ़ से पूछताछ करने पर पता चला कि अस्पताल से अब तक रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई है।
श्रीमती शिल्पा अंबेडारे, पत्नी मृतक लिपिक रवि अंबेडारे:
मेरे पति की मौत के बाद मैं पहले ही टूट चुकी हूँ। अब रिपोर्ट और मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए मुझे बार-बार परेशान किया जा रहा है। अगर रिपोर्ट नहीं मिलेगी तो मृत्यु प्रमाण पत्र भी नहीं बन पाएगा।
डॉक्टर ने आरोपों को बताया निराधार, डॉ. लक्की सोनी, चिकित्सक, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पामगढ़:
मेरे द्वारा किसी भी प्रकार के पैसे की मांग नहीं की गई है। पोस्टमार्टम के समय स्वीपर बिना पैसे काम नहीं करता, संभवतः उसने पैसा लिया होगा क्योंकि वह निजी कर्मचारी है।
जांच के निर्देश बीएमओ ने कहा होगी कार्यवाही डॉ. सौरभ यादव, प्रभारी खंड चिकित्सा अधिकारी, पामगढ़:
मैं तीन-चार दिन से काम में व्यस्त था। यदि यह आरोप सही हैं तो जांच कराई जाएगी। पोस्टमार्टम के लिए किसी भी प्रकार का पैसा नहीं लगता। यदि डॉ. सोनी द्वारा पैसे की मांग की गई है तो जांच उपरांत उचित कार्यवाही की जाएगी।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि यह मामला केवल एक परिवार की पीड़ा नहीं, बल्कि स्वास्थ्य संस्थानों में बढ़ते भ्रष्टाचार की गहरी समस्या को उजागर करता है। जिला प्रशासन से मांग है कि इस प्रकरण की निष्पक्ष जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।