
छह माह बाद भी नहीं हुई कोई कार्यवाही, शिकायतकर्ता ने दस्तावेजों के साथ दिए गंभीर भ्रष्टाचार के प्रमाण, जांच में लापरवाही का आरोप
पत्रकार महेंद्र सिंह राय बिलासपुर 5 जून 2025। भरारी सहकारी समिति (रतनपुर), बिलासपुर में करोड़ों रुपए के कथित भ्रष्टाचार को लेकर बड़ा खुलासा सामने आया है। शिकायतकर्ता ने सहकारी समिति के प्रबंधक, कंप्यूटर ऑपरेटर और संबंधित शासकीय अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि उन्होंने शासन को राजस्व में भारी क्षति पहुंचाई है। शिकायतकर्ता ने यह भी आरोप लगाया है कि जाँच अधिकारी दुर्गेश साहू और तत्कालीन उप पंजीयक मंजू पांडे द्वारा जानबूझकर मामले को दबाने का प्रयास किया गया।
शिकायत के अनुसार, शिकायतकर्ता ने प्रमाण सहित सहकारी पंजीयक कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन छह माह बीत जाने के बाद भी कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई है। इससे यह आशंका प्रबल होती जा रही है कि जांच अधिकारी स्वयं संदेह के घेरे में हैं या उन्हें प्रबंधक से मिलीभगत के चलते जाँच में देरी की जा रही है।
शिकायत में लगाए गए प्रमुख आरोप –
- अधिया भूमि पर धान विक्रय कर पूरा भुगतान किया गया, जबकि नियमों के अनुसार अधिया भूमि पर बोनस भुगतान नहीं किया जा सकता।
- किसानों के नाम पर भुगतान अन्य व्यक्तियों के खातों में किया गया।
- फर्जी तरीके से खातों में नाम जोड़कर पूर्ण भुगतान किया गया।
- संपूर्ण प्रक्रिया में प्रबंधक, ऑपरेटर व शाखा प्रबंधक की मिलीभगत की आशंका।
- नवीन पंजीयन प्रक्रिया में राजस्व विभाग के कर्मियों की भूमिका भी संदेहास्पद।
शिकायतकर्ता की कलेक्टर से मांग –
शिकायतकर्ता ने माननीय कलेक्टर से मांग की है कि इस गंभीर प्रकरण की निष्पक्ष जांच हेतु एक स्वतंत्र जाँच समिति गठित की जाए। साथ ही दोषी अधिकारियों, कर्मचारियों एवं सहकारी समिति से जुड़े व्यक्तियों के विरुद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कर शासन को हुई आर्थिक क्षति की वसूली की जाए।
न्याय की गुहार –
शिकायतकर्ता का कहना है कि यदि अधिकारी स्वयं मिलीभगत में शामिल होंगे तो पीड़ित कहां न्याय की गुहार लगाएगा? ऐसे मामलों में त्वरित व निष्पक्ष जांच आवश्यक है ताकि आम जनता के हित सुरक्षित रह सकें और भ्रष्टाचारियों पर कड़ी कार्यवाही हो।
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