छत्तीसगढ़जांजगीर-चांपा

मोबाइल प्लैनेटेरियम में पहुंचे स्कूली बच्चे, तो खो गए आंतरिक्ष यात्रा में

विद्यार्थियों ने सौर मंडल, ग्रहों, और ब्रह्मांड के रहस्यों को गहराई से जाना

शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भोजपुर में मोबाइल प्लैनेटेरियम द्वारा छात्राओं को दी गई सौरमंडल और ग्रहों-उपग्रहों की जानकारी

जांजगीर-चांपा :- कलेक्टर श्री आकाश छिकारा की विशेष पहल पर जिले के शासकीय स्कूलों में मोबाइल प्लैनेटेरियम शो की शुरुआत की गई जो आंतरिक्ष की गतिविधियों को स्कूली बच्चों को दिखाने की एक सराहनीय पहल है। इससे स्कूलों के छात्रों के लिए ब्रह्मांड का अद्भुत अनुभव प्राप्त हो रहा है। इसके माध्यम से सौर मंडल, ग्रहों, और ब्रह्मांड के रहस्यों को इतनी वास्तविकता से पेश किया जा रहा है, जिससे बच्चे अपने आपको अंतरिक्ष में घूमता महसूस कर रहे हैं। बुधवार को शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भोजपुर में मोबाइल प्लैनेटेरियम के माध्यम से आंतरिक्ष की विभिन्न जानकारियों से स्कूली बच्चों को अवगत कराया गया। 

मोबाइल प्लैनेटेरियम के माध्यम से केवल शिक्षा ही नहीं, बल्कि एक ऐसी प्रेरणा दी जा रही है जो इन विद्यार्थियों को कुछ नया खोजने और अन्वेषण करने का हौंसला दे रही है। इस सफर में वे सीख रहे हैं कि कैसे एक रॉकेट अंतरिक्ष में पहुंचता है, कैसे ग्रहों की परिक्रमा होती है, और कैसे ब्रह्मांड का अनंत विस्तार हमारी सोच से भी बड़ा है। यह अनुभव उनकी जिज्ञासा को और भी बढ़ा देता है और वे सोचते हैं कि भविष्य में अंतरिक्ष अन्वेषण में अपना योगदान कैसे दे सकते हैं। छोटे-छोटे स्कूली बच्चे जब इस मोबाइल प्लेनेटेरियम में पहुंचे तो वह आंतरिक्ष की यात्रा में खो गए। मोहित, भव्य, अजय एवं संतोष, अमित आदि बच्चों ने बताया कि आंतरिक्ष के बारे में इतने करीब से जानने का मौका पहली बार मिला है। इस तरह के अनुभव से हमें विज्ञान से जुड़ी हुई बहुत सी बातों के बारे में जानकारी मिली है। मनीषा, काव्या, अन्नया, दिव्या ने बताया कि जब हम इस तारामंडल के अंदर पहुंचे तो लगा कि जैसे अंतरिक्ष में ही पहुंच गए हो। अंतरिक्ष यान से हम खिड़कियों से झांकते हुए वे नीले ग्रह पृथ्वी को दूर से देखते हैं, जो एक छोटे नीले बिंदु की तरह नजर आता है। अंतरिक्ष के असीम विस्तार में घूमते हुए पृथ्वी के अलावा अन्य ग्रहों, तारों और विशाल गैलेक्सी को ऐसा लगा जैसे हमने करीब से निहारा हो। बच्चों ने अपने अनुभवों को बताते हुए कहा कि आंतरिक्ष की यात्रा के दौरान वहां गुरुत्वाकर्षण न होने के कारण सब हवा में तैर रहे हैं। स्कूली बच्चे जब इस तारामंडल से बाहर आए तो सबने अपने अनुभवों को एक-दूसरे से साझा किया। साथ ही विज्ञान के गूढ़ रहस्यों को समझने की कोशिश कर रहे हैं। विद्यालय के प्राचार्य एवं शिक्षकों ने इस कार्यक्रम की सराहना की और कहा कि इस तरह के कार्यक्रम छात्रों को विज्ञान के प्रति आकर्षित करने में मददगार साबित होते हैं। इस आयोजन से न केवल छात्रों को नई जानकारी मिली, बल्कि उन्होंने विज्ञान और ब्रह्मांड की विस्तृत समझ भी प्राप्त की।

क्या है प्लैनेटेरियम (Planetarium)

प्लैनेटेरियम (Planetarium) एक ऐसा स्थान है जहाँ खगोलीय घटनाओं को दर्शाने के लिए आकाश का कृत्रिम चित्रण किया जाता है। यह एक तरह का थिएटर होता है जिसमें विशेष प्रकार की गोलाकार स्क्रीन होती है, जहाँ सितारों, ग्रहों, और अन्य खगोलीय पिंडों को दर्शाया जाता है। प्लैनेटेरियम में लोग एक गुंबद के नीचे बैठते हैं, और प्रोजेक्टर या डिजिटल सिस्टम के माध्यम से आकाश का दृश्य दिखाया जाता है, जिससे उन्हें वास्तविक रात के आकाश का अनुभव होता है। यह स्थान खासतौर से बच्चों और विज्ञान में रुचि रखने वालों के लिए बनाया गया है ताकि वे खगोलीय घटनाओं, ग्रहों, तारों, और ब्रह्मांड के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकें। प्लैनेटेरियम शैक्षिक यात्रा के लिए एक बेहतरीन जगह है, जहाँ खगोल विज्ञान को सजीव रूप में प्रस्तुत किया जाता है।

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