चैतन्य विज्ञान एवं कला महाविद्यालय में विश्व कंप्यूटर साक्षरता दिवस मनाया गया
पामगढ़ :- चैतन्य विज्ञान एवं कला महाविद्यालय पामगढ़ के कंप्यूटर विभाग द्वारा सोमवार को कंप्यूटर साक्षरता दिवस मनाया गया।कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती के प्रतिमा में दीप प्रज्वलित कर की गई। कार्यक्रम के प्रारंभ में कंप्यूटर के प्राध्यापक धनेश्वर सूर्यवंशी ने कार्यक्रम का उद्देश्य और रूपरेखा से अवगत कराते हुए कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य कंप्यूटर साक्षरता दिवस और भविष्य की पीढ़ियों के लिए समाज के विचारों को बदलने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। उन्होंने विश्व कंप्यूटर साक्षरता दिवस के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह दिन पूरी दुनिया में कंप्यूटर शिक्षा और साक्षरता को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है। उन्होंने बताया कि इस दिन का उद्देश्य लोगों को कंप्यूटर और सूचना प्रौद्योगिकी के बारे में जागरूक करना है, ताकि वे इनसे जुड़े महत्वपूर्ण कौशल सीख सकें और उनका सही उपयोग कर सकें। इस दिन का आयोजन लोगों को यह समझाने का एक प्रयास है कि डिजिटल साक्षरता और तकनीकी कौशल प्राप्त करने से उन्हें न केवल नौकरी के अवसर मिलते हैं, बल्कि यह उन्हें समाज में एक समृद्ध और सक्षम नागरिक बनाने में भी मदद करता है। कंप्यूटर शिक्षा से लोग न केवल अपनी जानकारी और कौशल को अपडेट कर सकते हैं, बल्कि ऑनलाइन सेवाओं, शिक्षा, स्वास्थ्य, और सरकारी योजनाओं का सही उपयोग भी कर सकते हैं। यह कदम समाज में तकनीकी साक्षरता को बढ़ावा देने और डिजिटल विभाजन को कम करने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। सहायक प्राध्यापक सालिक राम यादव ने इस दिन के मनाए जाने की शुरुआत के बारे में बताया कि विश्व कंप्यूटर साक्षरता दिवस की शुरुआत 2 दिसंबर 2001 को एन आईआई टी की 20 वीं वर्षगांठ पर हुई थी, जब भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के सामने संसद के सदस्यों को कंप्यूटर शिक्षा दी गई थी। इसका उद्देश्य था सभी तक कंप्यूटर साक्षरता पहुंचाना।
सहायक प्राध्यापक इंद्र पटेल ने कह कंप्यूटर साक्षरता सिर्फ तकनीकी ज्ञान तक सीमित नहीं है, बल्कि यह हमारे सोचने, समझने और काम करने के तरीके को भी बदलता है। जब हम कंप्यूटर के माध्यम से जानकारी हासिल करते हैं, तो हमारी सोच में व्यापकता आती है, और हम अपनी समस्याओं का हल तकनीकी रूप से ढूंढ़ सकते हैं। अगर हम सब मिलकर यह सुनिश्चित करें कि हर व्यक्ति को कंप्यूटर साक्षरता प्राप्त हो, तो हम एक सशक्त और समृद्ध समाज की ओर कदम बढ़ा सकते हैं।
सहायक प्राध्यापक प्रग्येश कुमार ने इस दिन के उद्देश्य को स्पष्ट करते हुए कहा कि कंप्यूटर साक्षरता एक अत्यंत महत्वपूर्ण और आवश्यक कौशल है, जो आज के डिजिटल युग में हर व्यक्ति के लिए बेहद लाभकारी साबित हो सकता है। उन्होंने बताया कि कंप्यूटर साक्षरता के माध्यम से लोग न केवल सॉफ्टवेयर एप्लिकेशन का उपयोग कर सकते हैं, बल्कि इंटरनेट पर नेविगेशन की क्षमता भी प्राप्त कर सकते हैं, जिससे वे विभिन्न सूचना संसाधनों तक सरलता से पहुंच सकते हैं। यह उन्हें न केवल व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन में विकास के अवसर प्रदान करता है, बल्कि उन्हें ऑनलाइन समुदायों में सक्रिय रूप से भाग लेने और बेहतर संवाद स्थापित करने में भी मदद करता है। विभाग के प्रयोगशाला तकनीशियन सरोजमणी बंजारे ने भी सभा को संबोधित किया। कार्यक्रम के अंत में छात्र-छात्राओं ने भी अपने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर ऑनलाइन प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता भी आयोजित की गई जिसमें छात्रों ने भाग लिया एवं उन्हें प्रमाण पत्र भी दिया गया। संस्था के प्राचार्य डॉ. वी. के. गुप्ता एवं महाविद्यालय के संचालक वीरेंद्र तिवारी ने आयोजन सराहना की। कार्यक्रम में कंप्यूटर संकाय के समस्त प्राध्यापकगण एवं बड़ी संख्या में विद्यार्थिगण उपस्थित रहे।