
पामगढ़ 30 मई 2025। जीआरडी कॉलेज पामगढ़ में अध्ययनरत बी.ए. प्रथम वर्ष के रेगुलर छात्र रघुवीर जगत, पिता तीरथ राम जगत (निवासी बनाहील), ने कॉलेज प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। छात्र का कहना है कि 21 मई 2025 को आयोजित पर्यावरण विषय की परीक्षा में उसे केवल इसलिए बैठने नहीं दिया गया क्योंकि उसकी कुछ फीस बकाया थी।
रघुवीर जगत ने बताया कि वह समय पर परीक्षा देने कॉलेज पहुँचा था और उसके पास वैध एडमिट कार्ड भी मौजूद था। लेकिन कॉलेज में मौजूद जेजू सर ने, सौमेन मैती सर के निर्देश पर, पहले फीस जमा करने की शर्त रखी और परीक्षा में बैठने से मना कर दिया। छात्र का आरोप है कि जब उसने अधिकारियों से कई बार निवेदन किया तो भी उसकी बात नहीं सुनी गई और उसे परीक्षा में शामिल होने से रोक दिया गया।
रघुवीर का यह भी कहना है कि GRD कॉलेज में एक ऐसी व्यवस्था लागू की गई है जिसमें फीस जमा न करने वाले छात्रों को गेट पर ही रोक दिया जाता है। कॉलेज प्रशासन गेट के पास बैठकर फीस रजिस्टर की जांच करता है, और जिन छात्रों की फीस जमा नहीं होती, उन्हें परीक्षा कक्ष में प्रवेश नहीं करने दिया जाता। छात्र ने यह भी आरोप लगाया कि यह नियम सभी छात्रों पर समान रूप से लागू नहीं होता और कुछ छात्रों को विशेष रियायतें भी दी जाती हैं।
फीस जमा करने के दबाव में छात्रों की पढ़ाई और भविष्य दोनों प्रभावित हो रहे हैं। छात्र समुदाय में इस घटना को लेकर भारी असंतोष फैल गया है। छात्रों का मानना है कि शिक्षा का अधिकार सभी को समान रूप से मिलना चाहिए, और परीक्षा जैसे महत्वपूर्ण अवसर में किसी छात्र को वंचित करना अनुचित और अन्यायपूर्ण है।
सीजी खबर ने जब सोमेंद मैती, मैनेजमेंट GRD महाविद्यालय पामगढ़ से बात की तो उन्होंने कहा :-
“ऐसी कोई बात नहीं है। अभी भी काफी सारे छात्रों की फीस बाकी है, आप जाकर देख सकते हैं। अगर किसी छात्र ने एक पेपर नहीं दिया है तो वह आगे उस पेपर को देकर पास हो सकता है।”
रघुवीर ने मांग की है कि कॉलेज प्रशासन इस अन्यायपूर्ण नीति को तुरंत बंद करे और उसके पर्यावरण विषय की परीक्षा की पुनः व्यवस्था कराई जाए। वहीं, छात्र समुदाय और अभिभावकों का कहना है कि ऐसे महाविद्यालयों पर कार्यवाही आवश्यक है जिन्हें केवल अपनी कमाई की चिंता है, न कि छात्रों के भविष्य की।